पंजाबः विवादों में घिरे गायक गुरदास मान, हाईकोर्ट ने जारी किया नोटिस 

पंजाबः विवादों में घिरे गायक गुरदास मान, हाईकोर्ट ने जारी किया नोटिस 

जालंधर, ENS: धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने के मामले में गायक गुरदास मान के खिलाफ पुलिस की कैंसिलेशन रिपोर्ट स्वीकार करने के नकोदर कोर्ट के फैसले को हाई कोर्ट में चुनौती दी गई है। याचिका पर हाईकोर्ट ने नकोदर पुलिस और गुरदास मान को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है। दरअसल, हरजिंद्र सिंह उर्फ जिंदा नामक व्यक्ति ने पंजाबी गायक गुरदास मान के खिलाफ नकोदर में धार्मिक भावनाओं को आहत करने को लेकर दर्ज हुई एफआई आर को रद्द करने के सैशन कोर्ट नकोदर के आदेशों को हाईकोर्ट में चुनौती दी है।

शिकायतकर्ता हरजिंदर सिंह ने याचिका में नकोदर अदालत के 22 फरवरी के आदेश को रद्द करने की मांग की थी, जिसमें मान द्वारा बिना शर्त माफी मांगने के बाद पुलिस ने रद्दीकरण रिपोर्ट दायर करने की चुनौती को खारिज कर दिया था। याचिकाकर्ता को कैंसिलेशन रिपोर्ट के बारे में सूचित नहीं किया गया। याचिकाकर्ता के वकील रमनदीप सिंह गिल ने कहा कि इस संबंध में कोई नोटिस नहीं दिया गया। जब कैंसिलेशन रिपोर्ट को खारिज करने की मांग की गई तो नकोदर कोर्ट ने 22 फरवरी को याचिका खारिज कर दी।

पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट के जस्टिस संदीप मौदगिल ने याचिका स्वीकार करते हुए सभी प्रतिवादियों को नोटिस जारी कर 13 जून तक जवाब मांगा है। याचिका में कहा गया कि गुरदास मान ने लाडी शाह को गुरु अमरदास जी का वंशज बताया और उनकी तुलना सदगुरु से की जोकि सिख समुदाय की धार्मिक भावनाओं को आहत करती है। याचिका में कहा गया कि ऐसे व्यक्ति या डेरामुखी को सदगुरु की संज्ञा देना सिख धर्म का अनादर है जोकि गुरदास मान ने किया है। गुरदास मान ने एक मेले में लाडी शाह को संबोधित करते हुए 'आनंद साहिब बाणी की पहली पोरी' का पाठ किया 'आनंद भया मेरी माये सत्गुरु मय पाय'। उन्होंने अपने फेसबुक पेज में भी पोस्ट किया था।

हालांकि बात बिगड़ती देख उन्होंने सोशल मीडिया पर उक्त बयानों को लेकर पछतावा भी जाहिर किया था जिसे याचिका में  संलग्न किया गया है। याची पक्ष का कहना है कि सैशन कोर्ट ने सबूतों को नजरअंदाज किया 5 और उनकी समीक्षा तक नहीं की। यहां तक कि एफ.आई.आर. रद्द करने के आदेशों को लेकर दाखिल हुई पुनर्विचार याचिका भी खारिज कर दी। याची पक्ष ने कहा कि उनके कपास पुख्ता सबूत हैं जिसे देख कर साफ होता है कि गुरदास मान ने  सिखों की धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाई है। कोर्ट ने याचिका स्वीकार - कर प्रतिवादियों को नोटिस जारी कर । दिया है और सुनवाई 13 जून तक स्थगित कर दी है।