Punjab: पोलियोग्रस्त व्यक्ति पर तस्करी का केस दर्ज, कोर्ट ने पुलिस को लगाया जुर्माना

Punjab: पोलियोग्रस्त व्यक्ति पर तस्करी का केस दर्ज, कोर्ट ने पुलिस को लगाया जुर्माना

SIT बनाने के निर्देश किए जारी

पठानकोटः शराब तस्करी के मामले में पठानकोट पुलिस द्वारा पोलियोग्रस्त व्यक्ति पर केस दर्ज कर उसे मामले में फरार बताया। जिसके बाद उक्त व्यक्ति ने न्याय की मांग करते हुए हाईकोर्ट का दरवाजा खटकटाया। दरअसल, व्यक्ति ने बताया कि वह पोलियोग्रस्त होने के चलते व्हील चीयर के सहारे चलता है। ऐसे में वह मौके से फरार कैसे हो सकता है। वहीं इस मामले में व्यक्ति ने कोर्ट से कहाकि वह मामले में संलिप्त ही नहीं था। हाईकोर्ट ने पठानकोट के उच्च अधिकारियों को एसएचओ और जांच अधिकारी एएसआई द्वारा दर्ज किए मामले की जांच के आदेश दिए हैं। 

दरअसल, पठानकोट थाना सदर की पुलिस को गुप्त सूचना मिली थी कि उनके थाने के अधीन आते एक गांव में अवैध शराब तस्करी का धंधा जोरों पर चल रहा है। पुलिस ने दबिश दी और सौरव कुमार और चरनजीत को हिरासत में ले लिया। पुलिस के मुताबिक छापामारी के दौरान इंद्रजीत सिंह राए और स्वतंत्र राए मौके से फरार हो गए है और इनके साथ कुलविंदर सिंह भी भाग गया। कुलविंदर पोलियोग्रस्त होने पर व्हीलचेयर के सहारे चलता है। कुलविंदर सिंह ने मामले में पठानकोट सेशन अदालत में याचिका दायर की लेकिन उन्हें इंसाफ नहीं मिला। उसके बाद कुलविंदर ने हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया।

पीड़ित कुलविंदर की हालत को जब जज ने देखा तो उन्होंने पुलिस अधिकारियों से सवाल किया कि वह कैसे भाग सकता है इसके बारे में बताएं। जज ने कहा कि पुलिस ने हवा में केस दर्ज किया है। अगली सुनवाई में जब थाना सदर की एसएचओ समेत कई पुलिस अधिकारी पहुंचे तो उनका कहना था कि जांच में हमसे गलती हो गई और हमने कुलविंदर सिंह 28 सितंबर 2023 को बेकसूर करार दे दिया। जज ने दोबारा पुलिस से सवाल करते हुए कहा कि माना आपने कुलविंदर 28 सितंबर 2023 को बेकसूर करार दिया, लेकिन कुलविंदर ने तीन अक्तूबर 2023 को कोर्ट में अपील दायर की है तो पुलिस पांच दिन क्या करती रही।

जज ने पठानकोट पुलिस के एसएसपी को आदेश दिया कि पीड़ित कुलविंदर सिंह को 50 हजार रुपये लिटिगेशन कास्ट और एक लाख रुपये प्रताड़ित करने के पंजाब पुलिस के हवाले से दिलाएं जाएं। जज ने ये भी आदेश दिए कि कुलविंदर सिंह पर दर्ज किए मामले में थाना प्रभारी मनजीत कौर और जांच अधिकारी एएसआई सरताज सिंह के खिलाफ एसआईटी बनाकर गहनता से जांच की जाए। कोर्ट ने कहा कि अगर एसआईटी की जांच में एसएचओ और एएसआई गलत पाए जाते है तो इनकी तनख्वाह से कटौती कर डेढ़ लाख का मुआवजा कुलविंदर को दिया जाए। वहीं, जिला पुलिस प्रशासन के उच्च अधिकारियों का कहना है कि उक्त मामले में अभी जांच चल रही है, इसमें कितना समय लगेगा इसके बारे में कुछ कहा नहीं जा सकता।