गुस्साए ग्रामीणों ने फिर किया आईपीएच के कार्यालय का किया घेराव
बददी/ सचिन बैंसल : ग्राम पंचायत बरोटीवाला के तहत कोटला गांव में पानी की समस्या का हल न होने से महिलओं का गुस्सा आज फूट गया। गुस्साई महिलाओं ने आईपीएच मंडल कार्यालय बददी के बाहर जमकर प्रदर्शन व नारेबाजी की व विभाग को जमकर कोसा। इससे पहले भी मंगलवार ने कोटला के ग्रामीणों ने विभाग के के अधिकारियों को ज्ञापन देकर गांव को पानी उपलब्ध करवाने के लिए कहा था। ग्रामीण महिला रानी चौधरी व समाज सेवी वीरेंद्र चौधरी ने आरोप जडा कि जिन लोगों ने 70 साल देश प राज किया वो हमें पूरा पेयजल भी उपलब्ध करवा सके। हमारे गांव का दर्द किसी भी पार्टी ने नहीं जाना। गांव में पानी की पाईप लाईन डेढ इंच की है जो कि बहुत पुरानी है और यहां पर तीन इंच लाईन होनी चाहिए।
हमारे गांव की लाईन से एक निजी आवासीय कालोनी को पानी दे दिया गया जो कि गलत है। या तो वो कालोनी अपना बोर करवाती या उनको कहीं और से पानी दिया जाता है। वीरेंद्र चौधरी ने कहा कि स्थानीय विधायकों को ग्रामीणों के दर्द का अहसास नहीं है और यहां पर जनता प्यासी मर रही है। बरोटीवाला के निकट कोटला गांव में पानी की कमी जब पूरी नहीं हुई तो लोगों को सडकों पर उतरना पड़ा। ग्राम पंचायत बरोटीवाला के कोटला गांव के लोगों ने जल शक्ति विभाग के अधीशासी अभियंता कार्यालय बददी का घिराव किया। ग्रामीणों का आरोप है कि इस गांव में 7 दिन से पानी नहीं आ रहा है।
जिससे लोग पानी की बूंद बूंद के लिए भटक रहे है। कोटला गांव के बीर सिंह, हरकेश, रामनाथ, राज कुमार, गुरनाम, तरसेम विजय, रानी चौधरी, वीरेंद्र चौधरी दून, श्याम, मीरा देवी, शिवराम, पूर्णचंद, विनोद, कमला देवी व विनोद के नेतृत्व में जल शक्ति विभाग के अधिशासी अभियंता कार्यालय का घेराव किया और उन्होंने जल शक्ति विभाग के खिलाफ नारेबाजी भी की। लोगों का कहना था कि 7 दिन से गांव मे पानी की बूंद नहीं आ रही है। ग्रामीणो ने चेतावनी दी है कि अगर उनके गांव की पेयजल लाइन सुचारू नहीं हुई तो वह आंदोलन को और तेज करेंगे तथा हमारी लाईन से जो नई कालोनी को कनेक्शन दिया गया है उसको काट देंगे। जिसकी जिम्मेवारी जल शक्ति विभाग की होगी।
आज मोटर बदल दी गई-एस.डी.ओ
इस विषय में एसडीओ चमन ठाकुर ने कहा कि गांव की समस्या को देखते हुए वीरवार को मोटर बदल गई और नई मोटर डाल दी गई। अब दो माह में नई पाईप लाईन डाल दी जाएगी। टैंडर और एस्टीमेट बनाने में समय तो लगता है ग्रामीणों को इतना तो समझना होगा। विभाग दिन रात सक्रिय होकर ईमानदारी से कार्य कर रहा है।
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