नालागढ़ के जंडोरी में धूमधाम से मनाई गई महाराणा प्रताप जयंती

नालागढ़ के जंडोरी में धूमधाम से मनाई गई महाराणा प्रताप जयंती

महाराणा प्रताप के पदचिन्हों पर चलने का किया आहवान

बददी/ सचिन बैंसल : हिंदू समाज के महान योद्वा व देश के  लिए लडऩे वाले महाराणा प्रताप की जंयती नालागढ़ उपमंडल में धूमधाम से मनाई गई। कार्यक्रम का आयोजन राजपूत कल्याण सभा नालागढ़-दून ने आदूवाल गांव के जंडोरी में किया जिसमें मुख्य अतिथि के तौर पर संयुक्त आयुक्त उज्जवल सिंह राणा शामिल हुए वहीं मुख्य वक्ता के तौर पर सरकारघाट निवासी हिमाचल कल्याण सभा के अध्यक्ष कुलवीर जमवाल शामिल हुए। कार्यक्रम की अध्यक्षता लघु उद्योग संघ के प्रांतीय चेयरमैन ठाकुर विचित्र सिंह पटियाल ने की।

मुख्य अतिथि उज्जवल सिंह ने आयोजकों को इस एतिहासिक दिन की बधाई देते हुए कहा कि आज जरुरत है हमें हमारे देश को मुगलों से आजाद कराने वाले भारत के महान वीर योद्वा के पदचिन्हों पर चलने की। उन्होने कहा कि आज हमारे पास चाहे कितना भी बडा पद हो या साम्राज्य हो लेकिन वो किसी स्वाभिमान से बडा नहीं हो सकता। मुख्य वक्ता कुलवीर सिंह जमवाल ने महाराणा प्रताप के जीवन व संघर्ष प विस्तार से प्रकाश ड़ाला और बताया कि राणा को अकबर कभी नहीं हरा सका जबकि उसके पास चार गुणा सेना थी।

प्रधानाचार्य पूनम ठाकुर कटोच ने कहा कि राजपूत समुदाय का काम हमेशा से देश के लिए लडऩा रहा है और मेरा जन्म स्थान कांगडा रहा है तो उस समय जब देश व समाज पर संकट आया तो मेरी दादी ने हमें सिखाया कि हमें लेने वाला नहीं बल्कि देने वाला बनना है। क्षत्रिय वही है जो समाज की क्षति से रक्षा करे। राजपूत कल्याण सभा बीबीएन के प्रधान रविंद्र सिंह ठाकुर ने कहा कि हम सबने मिलकर ठाना है कि गांव जंडोरी में महाराणा प्रताप का भव्य भवन बनाना है जिसमें आप सबका सहयोग अपेक्षित है। क्षत्रिय समाज सेवा समिति दून के महामंत्री शेषपाल राणा ने समाज में बढते दहेज प्रथा व शराब नशे सबंधित अन्य सामाजिक बुराईयों चिंता जाहिर की।

महाराणा प्रताप का ध्वज फहराया
हवन व पूर्ण आहुति के बाद महाराणा प्रताप का प्रतीक चिन्ह वाला ध्वज बाबा स्वामी पूजनानंद जी महाराज के साथ राजपूत समुदाय के पदाधिकारियों व मुख्य अतिथि उज्जवल सिंह राणा ने मंदिर के प्रांगण में फहराया गया और उस पर पुष्प वर्षा की गई। उज्जवल राणा ने कार्यक्रम के आयोजन के लिए 11000 रुपये प्रदान किए। इस अवसर पर देसराज ठाकुर, जगदीश चंद जग्गा, रविंद्र सिंह ठाकुर, दर्शन राणा, श्रवण ठाकुर झिडीवाला, प्रीतपाल सिंह राणा, सतरीश राजपूत, रणविजय ठाकुर, मेलाराम कंवर, जगत सिंह, पहुलाल, मास्टर नराता राम ठाकुर, विचित्र पटियाल, भारत भनोट सहित कई सदस्य उपस्थित थे।