एडीसी ने आपदा प्रबंधन से जुड़े सभी अधिकारियों को चौबीसों घंटे मुस्तैद रहने के दिए निर्देश

एडीसी ने आपदा प्रबंधन से जुड़े सभी अधिकारियों को चौबीसों घंटे मुस्तैद रहने के दिए निर्देश
ऊना/ सुशील पंडित : अतिरिक्त उपायुक्त (एडीसी) महेंद्र पाल गुर्जर ने मानसून की आमद के मद्देनजर ऊना जिले में आपदा प्रबंधन से जुड़े सभी अधिकारियों को चौबीसों घंटे मुस्तैद रहने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा कि विभाग आपात स्थिति में जान-माल की सुरक्षा के लिए पहले से तैयारी और प्रबंध करें। बचाव टीमें हर समय तैयार रहें। उन्होंने अधिकारियों-कर्मचारियों से हर समय अपने मोबाइल फोन चालू हालत में रखने को कहा।

अतिरिक्त उपायुक्त शनिवार को डीआरडीए सभागार में आयोजित जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण की बैठक की अध्यक्षता कर रहे थे। उन्होंने बैठक में मानसून को लेकर आपदा प्रबंधन के लिए विभिन्न विभागों की तैयारियों का जायजा लिया और आवश्यक दिशा-निर्देश दिए।

उन्होंने कहा कि पिछले वर्ष मानसून में आई भीषण आपदा में पूर्व तैयारियों को लेकर मिली सीख का बेहतर प्रबंधन में सदुपयोग करें। उन्होंने कहा कि पिछले मानसून में आपदा प्रभावित रहे क्षेत्रों के लिए इस बार पूर्व रणनीति बनाकर काम करें। दुर्घटना संभावित स्थलों को लेकर एहतियाती कदम उठाएं। बरसात के दौरान सड़कों को सुचारू रखने, भूस्खलन की स्थिति में रास्तों एवं सड़कों से मलबा हटाने की समुचित व्यवस्था सुनिश्चित करें।

नाले-नालियां ना हों चोक
महेंद्र पाल गुर्जर ने खड्डों, नालों में बहाव को अवरोध रहित बनाने पर ध्यान देने को कहा। उन्होंने बरसाती नालों के बहाव मार्ग व गांवों-शहरों में नालियों की साफ सफाई पर बल दिया और संबंधित अधिकारियों को यह तय बनाने के निर्देश दिए कि नालियां-नाले चोक न हों, ताकि बरसात में पानी की निकासी ठीक रहे। उन्होंने खंड विकास अधिकारियों को संबंधित क्षेत्रों में पंचायत जनप्रतिनिधियों का सहयोग लेकर साफ सफाई के लिए मुहिम चलाने को कहा।  

सभी विभाग आपसी समन्वय से करें काम
अतिरिक्त उपायुक्त ने सभी विभागों से आपसी समन्वय से काम करने को कहा। उन्होंने संबंधित विभागों को आपदा की स्थिति में पानी के निकास की उचित व्यवस्था, खाद्य सामग्री एवं अन्य आवश्यक वस्तुओं का भण्डारण एवं वितरण, जीवन रक्षक दवाइयों और मोबाइल चिकित्सा दल की व्यवस्था के लिए अपनी पूरी तैयारी रखने के निर्देश दिए। उन्होंने शिक्षा विभाग के अधिकारियों को स्कूल भवनों की सुरक्षा और बाढ़ अथवा जलभराव की आशंका वाले स्कूलों की सूची सौंपने को कहा। ऐसे स्कूलों में अध्यापकों को आपदा प्रबंधन को लेकर प्रशिक्षित करने पर बल दिया।

उन्होंने आपदा मित्रों के लिए रिफ्रेशर प्रशिक्षण कार्यशाला लगाने के निर्देश दिए। साथ ही यह भी तय बनाने को कहा कि गांवों में ग्राम स्तरीय आपदा प्रबंधन समितियां गठित कर उन्हें सक्रिय करेें। उन्होंने स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों को यह सुनिश्चित बनाने को कहा कि सर्पदंश के उपचार की दवा प्रत्येक स्वास्थ्य संस्थान में पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध रहे। सभी पंचायत प्रतिनिधियों को भी इसकी जानकारी हो।

महेंद्र पाल गुर्जर ने कहा कि मानसून सीजन को देखते हुए जिन रिहाइशी इलाकों अथवा कार्यालय भवनों के साथ में कोई पेड़ गिरने की हालत में हैं और उनसे जान मान के नुकसान की आशंका है, उसकी पूर्व सूचना तुरंत जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण को दें। ताकि जान मान के लिए खतरा बने ऐसे पेड़ों को हटाने के लिए समय रहते उपयुक्त कदम उठाए जा सकें।

आपदा की स्थिति में तुरंत 1077 पर करें फोन
अतिरिक्त उपायुक्त ने कहा कि मानसून की गतिविधियों की नियमित जानकारी सहित अन्य किसी आपदा में जान-माल की सुरक्षा के उचित प्रबंधन के लिए उपायुक्त कार्यालय में स्थायी नियंत्रण कक्ष बनाया गया है। चौबीसों क्रियाशील रहने वाले इस नियंत्रण कक्ष का टोल फ्री फोन नम्बर 1077 है।

उन्होंने लोगों से अपील की किसी भी आपात स्थिति में तुरंत 1077 पर फोन कर सूचित करें। इसके अलावा जिला मुख्यालय पर स्थापित जिला आपात नियंत्रण कक्ष के दूरभाष नंबर 1975-225045, 225046 225049 और 225052 पर भी आपदा को लेकर फोन कर सकते हैं। बैठक में एसडीएम ऊना विश्वमोहन देव चौहान, एसडीएम हरोली राजीव ठाकुर सहित विभिन्न विभागों के अधिकारी उपस्थित रहे।