श्रम एवं रोजगार मंत्रालय के संयुक्त सचिव ने किया काठा अस्पताल का निरीक्षण

श्रम एवं रोजगार मंत्रालय के संयुक्त सचिव ने  किया काठा अस्पताल का  निरीक्षण
भारतीय मजदूर संघ के साथ की बैठक
 
संघ के कानूनी सलाहकार ने बताई अस्पताल की खामियां
 
बद्दी/सचिन बैंसल : भारत सरकार के श्रम एवं रोजगार मंत्रालय के संयुक्त सचिव रूपेश कुमार ठाकुर ने बद्दी के काठा स्थित एसआईआई माडल अस्पताल का दौरा किया। जिसमें अस्पताल के हर विंग का बारीकि से अध्ययन किया। इस दौरान उन्होंन आईसीयू विभाग में सभी उपकरण मौजूद होने के बावजूद चालू न करने के लिए नराजगी जताई। इसके बाद उन्होंने भारतीय मजदूर संघ के पदाधिकारियों के साथ बैठक की।
भारतीय मजदूर संघ के कानूनी सलाहकार देवव्रत यादव ने संयुक्त सचिव को बताया कि अस्पताल के आपातकालीन विभाग के गेट पर जो कर्मचारी तैनात है वह वहां पर तैनात न हो कर अन्य स्थान पर रहते है। जिससे बाहर से आने वाले गंभीर रोगियों को लाने में दिक्कत आ रही है। ईसीजी विभाग ने एक कर्मचारी तैनात है जबकि यह अस्पताल दिन रात चलता है। रात के समय रोगियो की ईसीजी नहीं होती है। अस्पताल में एक विशेषज्ञ चिकित्सक का रोगियों के साथ व्यवहार सही नहीं है।


 उसके खिलाफ पुलिस में एफआईआर भी दर्ज है। उसे यहां पर किसी अन्य अस्पताल में स्थानातंरित किया जाए। माडल अस्पताल में अल्ट्रा साउंड की कोई व्यवस्था नहीं है। 15 जून को एक महिला रोगी को अल्ट्रा साउंड के लिए निजी अस्पताल में भेजा तो वहां पर उससे 1500 रुपये वसूले गए। जिसकी रसीद भी उन्होंने संयुक्त सचिव को दिखाई। प्रसव कराने के लिए महिलाओं को यहां पर पीजीआई रैफर किया जाता है। दो साल से अस्पताल में सकेंडरी केयर ट्र्रीटमेंट के लिए पूरे प्रदेश में कोई भी अस्पताल टाईअप नहीं है। और मरीजों को बाहर भेजा जाता है। अस्पताल में दवा व स्टाफ का भी अभाव है।
संयुक्त सचिव ने आश्वासन दिया कि इन सभी मांगो पर तत्काल कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने खुशी जताई कि हिमाचल में श्रमिक संगठन जागरूक है और मजदूरों को आने वाली दिक्कतों को बारीकी से देखते है। जिससे अस्पताल में सुधार की गुंजाईश को पूरा किया जा सकता है। इस दौरान उनके साथ ईएसआईसी अस्पताल के चिकित्सा अधीक्षक एसडीए शर्मा, उपिनदेशक आजाद सिंह, धर्मवीर सिंह, सहायक विदेशक विकास वर्मा, भारतीय मजदूर संघ से मेला राम चंदेल, राजू भारद्वाज, श्रम विभाग पीएस वर्मा, अन्य श्रम निरीक्षण भी मौजूद रहे।