हल्की बूंदा-बांदी से किसानों को कुछ राहत जरूर मिली परन्तु फ़सल के लिए बारिश प्रयाप्त नहीं

हल्की बूंदा-बांदी से किसानों को कुछ राहत जरूर मिली परन्तु फ़सल के लिए बारिश प्रयाप्त नहीं

ऊना/सुशील पंडित: पिछले दो दिनों से हल्की बूंदा-बांदी होने के बाद शनिवार को मौसम साफ होने पर खुश्क ठंड से जरूर राहत मिली है परन्तु फ़सल के लिए यह बारिश बहुत कम है।

किसानों में सेवानिवृत्त मेजर रधुवीर सिंह, सुखदेव शर्मा अशोक शर्मा अशोक ठाकुर सोम नाथ सोनी सुरेश ठाकुर नरेंद्र धीमान रवि शर्मा, सोनू बाबा, रत्न चंद, विजय शर्मा, राजेश ठाकुर, अभिषेक कुमार जितेन्द्र शर्मा सहित अन्य किसानों का कहना है कि एक तो पिछले लंबे समय से बारिश न होने से फ़सल सुख चुकी है। उपर से जंगली जानवरों आवारा पशुओं का भी दिन रात ठीकरी पहरा उसके बाद जो कुछ फ़सल बच गई है। उस पर ही किसानों की निगाहें टिकी हुई हैं।

हल्की बारिश के बाद फिर धूप खिलने से किसान परेशान हो गए हैं। इस समय गेहूं, कमांद, सरसों सहित अन्य फसलों के लिए भारी बारिश बहुत जरूरी थी। इस समय फसलों के लिए भरपूर सिंचाई की जरूरत है। परन्तु हल्की बूंदा-बांदी होने से किसानों को निराशा ही मिली है।

अब किसान सोच रहे हैं कि कम नमी में खाद का छिड़काव करें या न करें। करें भी तो कम नमी में न ही खाद असर करेगी न ही खरपतवार नियंत्रण दवाई। उपर से किसानों को दिन रात ठीकरी पहरा देना पड़ रहा है। रात को जंगली जानवरों का कहर तथा दिन को आवारा पशुओं का आंतक, अब तो किसानों का दिन प्रतिदिन फसलों को बीजने से मन भर चुका है। अब किसानों की यही हालत होती चली जा रही है कि आमदनी अठन्नी खर्चा रूपया। किसान करें भी तो क्या करें।