बीमार साधु को इलाज के लिए किसी दानी सज्जन का इंतजार

बीमार साधु को इलाज के लिए किसी दानी सज्जन का इंतजार
एक माह पूर्व आज्ञात वाहन की चपेट में आने से हुआ था गंभीर घायल

बद्दी/ सचिन बैंसल : अज्ञात वाहन की चपेट में आने वाला एक साधु उपचार व पेट की आग बुझाने के लिए भीख मांग रहा है। लेकिन कोई भी आगे नहीं आ रहा है। साधु चलने फिरने में असमर्थ है। यह साधू पिछले एक माह से शमशान घाट में पड़ा था। वीरवार को एक आटो चालक ने उसे अपने ऑटो में बैठा कर बद्दी अस्पताल छोड़ दिया है। चिकित्सकों ने उसे भर्र्ती तो कर दिया है लेकिन उसकी बाजू व कुल्हे में फ्रैक्चर होने से उसका आपरेशन होना है। उन्होंने उसे पीजीआई  रैफर तो कर दिया लेकिन उसके साथ जाने को कोई भी तैयार नहीं है। बेसहारों को सहारा देने का दम भरने वाली वैल्फेयेर संस्थाएं मौन है और कोई भी इस साधु के उपचार व देखरेख के लिए आगे नहीं आ रहा है। पुलिस ने भी अभी तक अज्ञात वाहन के खिलाफ मामला दर्ज नहीं किया है। बद्दी पुलिस का कहना है कि यह दुर्घटना हरियाणा क्षेत्र में हुई है। वहीं हरियाणा पुलिस इसे बद्दी क्षेत्र में होने की बात कर रही है। 

बद्दी अस्पताल में उपचाराधीन साधु रामनाथ (80) ने बताया कि एक माह पूर्व वह शिरड़ी से पैदल मनीकर्ण जा रहाथा जैसे ही वह देर शाम को  बद्दी के बालद खड्ड में पहुंचा तो पीछे से एक वाहन से उसे हिट कर दिया। जिससे उसकी बाजू व कुल्हे में चोट आई। टक्कर लगने के बाद वह बेहोश हो गया था जिससे उसे वाहन के नंबर का पता नहीं चला। बेहोशी की हालत में उसे पड़ा देख कर उसे स्थानीय लोगों ने शमशाम घाट में रख दिया। लेकिन जब उसे होश आया तो वह शमशान घाट में था। वह एक माह से शमशान घाट में ही था। वहां पर कुछ लोग उसे जमीन पर पड़ा हुआ देख कर भोजन दे देते थे। वीरवार को एक आटो चालक ने उस पर दया की और उसे बद्दी अस्पताल में छोड़ दिया लेकिन यहां पर आपरेशन करने की कोई सुविधा नहीं है और चिकित्सक उसे पीजीआई रैफर कर रहे है लेकिन उसके पास न तो पैसा है और नहीं उसकी साथ कोई जाने को तैयार है। 

बद्दी अस्पताल के एसएमओ डॉ. अनिल अरोड़ा ने बताया कि उन्होंने कई संस्थाओं से संपर्क किया है लेकिन अभी तक कोई आगे नहीं आई है। रोगी साधु के बाजू व कुल्हे में हड्डी टुटी हुई है जिससे वह हिल नहीं सकता है। उसके लिए तामिरदार की सख्त जरूरत है जो उसके देखरेख कर सके।