जालंधरः किसानों ने दी चेतावनी, इस दिन करेंगे जालंधर-दिल्ली नेशनल हाईवे जाम
जालंधर/वरुणः पंजाब सरकार के खिलाफ किसानों ने एक बार फिर से मोर्चा खोलने की तैयारी शुरू कर दी है। उन्होंने चेतावनी दी है सरकार ने अगर मांगें न पूरी की तो 29 सितंबर को गांव धन्नोवाली के पास जालंधर-दिल्ली नेशनल हाईवे ब्लाक करके रेलवे फाटक पर धरना प्रदर्शन किया जाएगा। लोगों को होने वाली परेशानियों के लिए सरकार जिम्मेवार होगी। ये चेतावनी मंगलवार को संयुक्त किसान मोर्चा की ओर दोआबा किसान संघर्ष कमेटी के प्रधान बलविंदर सिंह तथा प्रदेश प्रधान जंगवीर सिंह चौहान ने दी।
उन्होंने सरकार के समक्ष गन्ने के रेट में बढ़ोतरी कर 450 रुपये प्रति क्विंटल करने के अलावा चीनी मिलों को 1 नवंबर से चालू करने के लिए एक माह पहले नोटिफिकेशन जारी करने की मांग की। उन्होंने सरकार से गुहार लगाई है कि अगर नई सब्सिडी देनी है तो मिलों को जारी कर किसानों के खाते में इकट्ठी जमा करवाएं। उन्होंने कहा कि चाइना वायरस की वजह से धान की फसल को काफी नुकसान पहुंचा है। सरकार तुरंत गिरदावरी करवाकर किसानों को मुआवजे की राशि अदा करें। इसके अलावा लंपी बीमारी की वजह से मरे पशुओं का मुआवजा भी पशुपालकों को तुरंत प्रभाव से दिया जाए।
पराली जलाने के मामले को लेकर उन्होंने सरकार को वायदा खिलाफी बताया है। उन्होंने पराली के रखरखाव के लिए 5000 रुपये प्रति एकड़ किसानों को अदा करने की बात कही है। अगर सरकार ऐसा नहीं कहती है तो किसानों को मजबूरन पराली को आग लगानी पड़ सकती है। किसानों ने कृषि उपकरणों पर सब्सिडी बढ़ाने की भी मांग रखी है। पंजाब सरकार की ओर से जिला स्तर पर धान की बिक्री के लिए दायरा नियमित करने के लिए आदेश जारी किए हैं उन्होंने सरकार को यह आदेश वापस लेने की बात कही है।
वही धान की सीधी बिजाई करने वाले किसानों को आर्थिक सहायता देने के वायदे भी खोखले साबित हुए हैं। संयुक्त किसान मोर्चा के सदस्य मुकेश चंद्र ने कहा कि पंजाब सरकार नकली दूध बेचने वालों पर लगाम कसने में नाकाम साबित हो रही है। पशु बीमार होने के बावजूद भी पंजाब में दूध की किल्लत न आना इस बात का सबूत है। उन्होंने कहा कि संयुक्त मोर्चा की 23 सितंबर को लुधियाना में बैठक होगी, जिसमें धरने की रूपरेखा तैयार की जाएगी। इस मौके पर माझा किसान संघर्ष कमेटी के प्रदेश प्रधान बलविंदर सिंह राजू औलख, दोआबा किसान यूनियन पंजाब के प्रधान कुलदीप सिंह वजीरपुर के अलावा अन्य सदस्य व पदाधिकारी मौजूद थे।