भक्त की तपस्या से खुश होकर धरती पर आते है भगवान: जगमोहन

भक्त की तपस्या से खुश होकर धरती पर आते है भगवान: जगमोहन

बददी/सचिन बैंसल: बद्दी में चल रही भागवत कथा के तीसरे दिन कथा वाचक जगमोहन शास्त्री ने ध्रूव और प्रहलाद भगत की कहानी सुनाई।उन्होंने कहा कि यह दोनों भगत ऐसे हुए है जिसकी तपस्या से खुश हो कर भगवान को धरती पर आना पड़ा। इन दोनों भक्तों की माताओं ने जब यह पेट में तभी से भगवान की आराधना करनी शुरू कर दी थी और यह दोनों भगत जब पेट में थे तब इन्होंने भजन करना शुरू कर दिया था। भगत ध्रूव की माता सुमिती औरपिता उदान पाद थे। जबकि प्रहलाद राक्षस कूल में पैदा होने के बावजूद भी भगवान अनंत भगत रहे है। इन माता क्यादू भी भगवान की भक्त थी। पिता की ओर से यातनाएं देने के पर भगवान की कृपा होने से इनका कोई कुछ नहीं बिगाड़ बिगाड़ पाया। प्रहलात की बुआ होलिका को वरदान था कि वह आग से नहीं चलेगी। उन्होंने योजना बनाई की वह प्रहलाद को गोद में बैठा कर अग्नि में बैठेगी लेकिन भगवान की माया से उनका भगत बच गया और होलिका जल कर नष्ट हो गई।

जगमोहन शास्त्री ने कहा कि जिस घर में गीता का पाठ होता है और माताएं भजनकीर्तन करती है। वह  भगत ध्रूव और प्रहलाद जैसी औलाद  पैदा करती है। उन्होंने कहा कि जननी जने तो भक्त जने या दाता या शूर या जननी बांझ रहे क्यों गवाएं नूर। उन्होंने सभी माताओ से कहा कि भगवान का भजन ही उन्हें भवसागर से पार करने वाला है। उन्होंने सौंखी नहीं लगती सांवरिया नाल यारी और राम का नाम जपने वाला समेत दर्जन भजन प्रस्तुत कर दर्शको को भरपूर मनोरंजन किया। इससे पूर्व पंडित दीपक और आचार्य कृष्ण चंद ने बद्दी के जसवंत राय, कमल नयन, शेंटी कौशल, कृष्ण कौशल, निखिल कौशल, सूरज कौशल, पवन कौशल ने अपने धर्म पत्नी सहित पूजा कराई। जसविंद्र कौर और अमनदीप कौर भी पूजा में बैठी। इस मौके पर बीरबल दास,  हरनेक ठाकुर, जसविंद्र ठाकुर, दीनानाथ ठाकुर, विमल ठाकुर, विमल बैंसल, गुरचरण, विजय बैंसल, मान सिंह मेहता, दीपू पंडित, पृथ्वी कौशल, संजीव कौशल, विजय ठाकुर, दिनेश कौशल, राम रखा परजापत, मनोज कौशल, सुरेंद्र कौशल, गुशलन शर्मा,भगत राम ठाकुर, गुरदयाल सिंह, माडू राम कनैत समेत गणमान्य लोग उपस्थि रहे।