खालिस्तानी खंडा के शव को भारत लाने की याचिका पर सरकार को नोटिस

खालिस्तानी खंडा के शव को भारत लाने की याचिका पर सरकार को नोटिस

नई दिल्लीः खालिस्तानी अवतार सिंह खंडा के शव को ब्रिटेन से भारत लाने के मामले में आज हाई कोर्ट में सुनवाई हुई। इस संबंध में आज भारत सरकार को नोटिस जारी किया गया है। हाई कोर्ट ने एक हफ्ते के भीतर नोटिस का जवाब मांगा है। दरअसल, मार्च में लंदन में भारतीय उच्चायोग पर हमले और राष्ट्रीय ध्वज उतारने के आरोपी अवतार सिंह खंडा का शव भारत लाने के लिए उसकी बहन ने पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय में एक याचिका दायर की थी। याचिका में कहा गया है कि केंद्र सरकार को खंडा के शव को लाने की अनुमति जारी करने का निर्देश दिया जाए। खालिस्तान समर्थक अमृतपाल सिंह के हैंडलर अवतार सिंह खंडा की 15 जून को ब्रिटेन में मौत हो गई थी। इस साल मार्च में लंदन में भारतीय उच्चायोग पर हुए हमले के सिलसिले में एनआईए ने खंडा को नामजद किया था।

जसप्रीत कौर ने याचिका में अपने भाई का अंतिम संस्कार करने के लिए उसके शव को यूनाइटेड किंगडम से पंजाब में उसके गृह नगर मोगा लाने की अनुमति जारी करने के निर्देश देने की मांग की थी। कौर ने अपनी याचिका में कहा है कि खांडा की 15 जून को सैंडवेल और वेस्ट बर्मिंघम अस्पताल में मौत हो गई थी और उसका शव पोस्टमॉर्टम और अन्य जांच के लिए वहां पड़ा हुआ है। कौर ने अपनी याचिका में कहा कि यह खंडा की आखिरी इच्छा थी कि उसके शरीर का अंतिम संस्कार मोगा में किया जाए और राख को कीरतपुर साहिब में विसर्जित किया जाए। कौर ने यह भी कहा कि उन्होंने खांडा के शव को ब्रिटेन से लाने की अनुमति जारी करने के लिए लंदन में भारतीय उच्चायुक्त के कार्यालय और केंद्र सरकार को अभ्यावेदन दिया है।

बता दें कि खंडा पंजाब के रहने वाले थे और उनका जन्म मोगा जिले में हुआ था। अवतार सिंह खंडा पर लंदन में भारतीय दूतावास के बाहर तिरंगा फहराने का भी आरोप है। अवतार सिंह खंडा पर पंजाब में अपने स्लीपर सेल की मदद से अमृतपाल सिंह को 37 दिनों तक छुपाए रखने का आरोप था। खंडा का पूरा परिवार खालिस्तानी आंदोलन से जुड़ा रहा है। खंडा को ब्रिटेन में भारतीय दूतावास पर हमले और तिरंगे के अपमान के बाद गिरफ्तार किया गया था। कहा जाता है कि पंजाब में अमृतपाल सिंह को स्थापित करने में खंडा ने अहम भूमिका निभाई थी। 2015 में केंद्र सरकार ने ब्रिटिश सरकार को कुछ संदिग्ध खालिस्तानी नेताओं की एक सूची सौंपी थी, जिसमें खंडा का नाम भी शामिल था।