जालंधरः पंजाब रोडवेज पर महिलाओं की मुफ्त यात्रा पड़ी भारी, सैकड़ों बसों का रूट हुआ बंद, जाने मामला

जालंधरः पंजाब रोडवेज पर महिलाओं की मुफ्त यात्रा पड़ी भारी, सैकड़ों बसों का रूट हुआ बंद, जाने मामला
जालंधरः पंजाब रोडवेज पर महिलाओं की मुफ्त यात्रा पड़ी भारी

जालंधर/वरुणः पंजाब रोडवेज को सरकार द्वारा समय पर महिलाओं की मुफ्त यात्रा का भुगतान नहीं किया जा रहा है। जिससे पंजाब रोडवेज को भी अपने डीजल बिल का भुगतान करने के लिए एक बड़ी चुनौती का सामना करना पड़ रहा है। ऐसे में बिना पास के बसें खड़ी होने से आर्थिक नुकसान होगा। महिलाओं के लिए मुफ्त यात्रा की योजना अब पंजाब रोडवेज पर भी जोर पकड़ रही है। भारी आर्थिक संकट से जूझ रही पंजाब रोडवेज अब अपनी 150 बसों के संचालन में भी असमर्थ होकर रह गई है।

रोडवेज के 18 डिपो की लगभग 150 बसों की नहीं हो पाई पासिंग 

पंजाब रोडवेज के 18 डिपो की लगभग डेढ़ सौ बसों की पासिंग नहीं हो पाई है, जिस वजह से बसों को रूट पर संचालित कर पाना अब संभव नहीं रह गया है। किसी भी कमर्शियल वाहन की पासिंग के लिए रोड टैक्स की अदायगी करना बेहद लाजिमी होता है। आर्थिक संकट से जूझ रही पंजाब रोडवेज अब रोड टैक्स की अदायगी भी नहीं कर पा रही है, जिस वजह से पासिंग रु क गई है और बसें वर्कशॉप में बंद होकर रह गई हैं। पंजाब रोडवेज के डिपो जनरल मैनेजर (जीएम) इस संबंध में लगातार मुख्यालय को सूचित कर रहे हैं। बावजूद इसके पासिंग की तरफ कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा है।

इन डिपो की बसों का संचालन हुआ बंद

हालांकि कुछ डिपो ऐसे भी हैं, जिन्होंने परिवहन विभाग को सरकारी बस का हवाला देकर बिना टैक्स अदायगी ही बसों का संचालन जारी रखा है। हालांकि अधिकतर डिपो की बसों का संचालन बंद हो गया है। पंजाब रोडवेज के मुक्तसर डिपो की लगभग 40, मोगा की 20, पट्टी की 23, फिरोजपुर की 15, लुधियाना की 20, बटाला की 12 , अमृतसर-1 की 2, जालंधर-1 डिपो की 2, जालंधर-2 डिपो की 1, जगराओं की तीन के लगभग बसों की टैक्स अदायगी नहीं हो पाई है, जिस वजह से रूट बंद कर देने पड़े हैं।

वर्कशाप में खड़ी बसें, अधिकारी कुछ कहने से कर रहे इंकार

पंजाब रोडवेज के जीएम बिना पासिंग के बसों के वर्कशॉप में ही खड़े होने की पुष्टि कर रहे हैं, लेकिन आधिकारिक तौर पर कुछ भी कहने से इंकार कर रहे हैं। अपना नाम प्रकाशित न करने की शर्त पर कुछ डिपो जीएम की तरफ से यह कहा गया है कि इस संबंध में लगातार मुख्यालय को सूचित किया जा रहा है। जब रोड टैक्स का भुगतान हो जाएगा तो पासिंग हो जाएगी, लेकिन जब तक बसें खड़ी हैं तब तक आर्थिक नुक्सान तो हो ही रहा है।