घरेलू उड़ानों में कृपाण से प्रतिबंध हटाने पर केंद्र को नोटिस, हाईकोर्ट ने मांगा जवाब

घरेलू उड़ानों में कृपाण से प्रतिबंध हटाने पर केंद्र को नोटिस, हाईकोर्ट ने मांगा जवाब
घरेलू उड़ानों में कृपाण से प्रतिबंध हटाने पर केंद्र को नोटिस

नई दिल्ली: घरेलू उड़ानों में कृपाण पर से प्रतिबंध हटाने पर दिल्ली हाईकोर्ट ने केंद्र सरकार को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है। दिल्ली हाई कोर्ट में एक जनहित याचिका दायर कर सिख यात्रियों को देश में किसी भी घरेलू उड़ान में कृपाण ले जाने की अनुमति देने संबंधी अधिसूचना को चुनौती दी गई है। इस याचिका पर नोटिस जारी करते हुए मुख्य न्यायाधीश सतीश चंद्र शर्मा और न्यायमूर्ति सुब्रमण्यम प्रसाद की पीठ ने आज केंद्र से नागरिक उड्डयन मंत्रालय, गृह मंत्रालय, नागरिक उड्डयन महानिदेशक और नागरिक उड्डयन सुरक्षा महानिदेशक से जवाब मांगा है।

अधिसूचना के अनुसार, सिख तीर्थयात्रियों को कृपाण ले जाने की अनुमति दी गई है बशर्ते, इसकी ब्लेड की लंबाई 15.24 सेमी (6 इंच) से अधिक न हो और कृपाण की कुल लंबाई 22.86 सेमी (9 इंच) से अधिक नहीं होगी। भारत के भीतर भारतीय विमानों में हवाई यात्रा के दौरान इसकी अनुमति है। गौरतलब है कि केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्रालय ने सिख कर्मचारियों और यात्रियों द्वारा कृपाण पहनने पर प्रतिबंध लगाने की अधिसूचना जारी की थी।

इस संबंध में शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के अध्यक्ष एडवोकेट हरजिंदर सिंह धामी ने केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया को पत्र लिखकर इस पर कड़ी आपत्ति जताते हुए उनसे इस आदेश को तुरंत वापस लेने का आग्रह किया। इसके बाद केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्रालय की ओर से एक अधिसूचना जारी की गई, जिसके अनुसार घरेलू उड़ानों में सवार सिख कर्मचारियों और यात्रियों को अब यात्रा के दौरान 9 इंच तक कृपाण ले जाने की अनुमति दी गई थी।

याचिका में तर्क दिया गया है कि लागू अधिसूचना कानून ने नागरिक उड्डयन सुरक्षा प्रोटोकॉल और अंतरराष्ट्रीय सम्मेलनों का उल्लंघन किया है। सुरक्षा चिंताओं को अलग रखते हुए बिना सोचे-समझे अधिसूचना जारी की गई है। याचिका में कहा गया है कि किसी विशेष धर्म की मांगों को पूरा करने के लिए कृपाणों तक बिना किसी बाधा के पहुंच की अनुमति देकर सतर्कता की आवश्यकता को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता है, जिसका कोई तथ्यात्मक आधार नहीं है।