शंकराचार्य स्वरुपानंद का 99 साल की उम्र में निधन

शंकराचार्य स्वरुपानंद का 99 साल की उम्र में निधन

नई दिल्लीः द्वारका एवं शारदा पीठ के शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती का रविवार को निधन हो गया। वे 99 साल के थे। उन्होंने मध्य प्रदेश के नरसिंहपुर में आखिरी बार सांस ली। स्वरूपानंद सरस्वती को हिंदुओं का सबसे बड़ा धर्मगुरु माना जाता था।

जगद्गुरु शंकराचार्य का 99वां जन्मदिन हरियाली तीज के दिन मनाया गया था। इस बार आश्रम में जगद्गुरु शंकराचार्य का भव्य जन्मोत्सव मनाया गया था और इसमें पूर्व सीएम कमलनाथ जैसे कई बड़े सियासी दिग्गजों ने शिरकत की थी।

हिंदुओं के सबसे बड़े धर्मगुरु शंकराचार्य स्वामी स्वरुपानंद का जन्म मध्य प्रदेश में हुआ था। स्वामी स्वरुपानंद के पास बद्री आश्रम और द्वारकापीठ की जिम्मेदारी थी।

गौरतलब है कि स्वानी स्वरूपानंद का जन्म मध्य प्रदेश में सिवनी के दिघोरी गांव में एक ब्राह्मण परिवार में हुआ था। इनका नाम पोथी राम उपाध्याय रखा गया। हिन्दुओं के सबसे बड़े गुरु माने जाने वाले स्वरूपानंद सरस्वती ने मात्र 9 साल की उम्र में घर छोड़ दिया था और धर्म की यात्रा का सफर शुरू कर दिया था। अपनी धर्म यात्रा के दौरान वो काशी पहुंचे और स्वामी करपात्री महाराज से वेद और शास्त्रों की शिक्षा ग्रहण की। अंग्रेजों के दौर में मात्र 19 साल की उम्र में उन्हें क्रांतिकारी साधू कहा गया। वो इसी नाम से पहचाने जाने लगे।