पंजाबः DAV School में बच्ची की सहपाठी ने फोड़ी आंख, परिजनों ने किया हंगामा

पंजाबः DAV School में बच्ची की सहपाठी ने फोड़ी आंख, परिजनों ने किया हंगामा
पंजाबः DAV School में बच्ची की सहपाठी ने फोड़ी आंख

लुधियानाः पुलिस डीएवी पब्लिक स्कूल पुलिस लाइंस के बाहर वीरवार दोपहर अभिभावक व कुछ रिश्तेदार एकत्रित हुए। अभिभावकों ने स्कूल के खिलाफ आरोप लगाया कि स्कूल की वजह से उनकी बच्ची की आंख की रोशनी को नुकसान हुआ है। अभिभावकों के अनुसार बुधवार दोपहर उन्हें स्कूल से फोन आता है कि उनकी बच्ची की आंख में किसी दूसरे बच्चे का हाथ लग गया जिसकी वजह से उसकी आंख में पानी आ रहा है। वैसे बच्ची ठीक है। लेकिन पीड़ित परिवार से पता चला कि बेटी शनाया​​​​​​ जो कि पहली क्लास में पढ़ती है।

उसे सहपाठी ने पेंसिल मार दी। पेंसिल लगने के बाद बच्ची दर्द से करहाने लगी। बच्ची शनाया​​​​​​ का उपचार करवाने की बजाए क्लास टीचर ने उसके घर फोन किया और कहा कि वह उसे घर ले जाएं। उसकी आंख में हाथ लग गया है। फोन के बाद परिजन उसे घर ले गए। बच्ची करीब 11 बजे सो गई जब वह दोपहर को उठी तो वह रोने लगी और मां से कहने लगी कि उसे सही से दिख नहीं रहा। मां ने तुरंत उसके पिता को फोन किया। बच्ची के पिता ने बताया कि उसे डीएमसी में आंखों के माहिर डॉक्टर के पास लेकर गए।

डॉक्टर ने चेकअप कर बताया कि बच्ची की आंख की पुतली फट चुकी है। उसकी आंख की रोशनी चली गई है। बच्ची का ऑपरेशन होगा। पिता ने बताया कि कल बच्ची का ऑपरेशन भी हो गया, लेकिन अभी भी बच्ची की हालत सही नहीं है। अस्पताल के डॉक्टर यही कह रहे है कि आंख में पेंसिल लगने से बच्ची को गंभीर चोट आई है। वहीं स्कूल प्रबंधकों ने पिता से कहा था कि वह बच्ची को डॉक्टर के पास लेकर गए थे, लेकिन परिजनों का कहना है कि यदि वह डॉक्टर के पास लेकर गए हैं तो उन्हें बताए कि किस डॉक्टर के पास लेकर गए हैं।

स्कूल प्रबंधकों की लापरवाही के कारण ही उनकी बेटी की आंख खतरे में है। गुरुवार को शरद व समाज सेवक वरूण मेहता ने साथियों सहित स्कूल के बाहर धरना प्रदर्शन किया। परिजनों ने आरोप लगाया कि क्लास टीचर ने छात्रा से कहा कि घर पर जाकर न बताना कि आंख में पेंसिल लगी है। प्रदर्शन की सूचना पर मौके पर एसीपी अशोक कुमार पहुंचे। पुलिस के उच्चाधिकारी के आश्वासन के बाद धरना खत्म किया। पुलिस ने परिजनों से 24 घंटे का समय मांगा है । एसीपी अशोक का कहना है कि सबसे पहले बच्ची की आंख बचाना जरूरी है। इस मामले में स्कूल प्रबंधकों का पक्ष जानना चाहा तो उन्होंने कुछ भी कहना से मना किया। वहीं बताया जा रहा कि पुलिस परिवार पर मामला दर्ज न करवाने का दबाव बना रही है।