2 लाख रुपये की रिश्वत लेते डॉक्टर गिरफ्तार

2 लाख रुपये की रिश्वत लेते डॉक्टर गिरफ्तार

पानीपतः हरियाणा के पानीपत में एंटी करप्शन ब्यूरो ने प्राइवेट अस्पताल के डॉक्टर को 2 लाख रुपए की रिश्वत के साथ रंगे हाथ गिरफ्तार किया है। आरोपी डॉक्टर से खुलासा हुआ है कि ये रुपए सरकारी अस्पताल के डॉक्टर और क्लर्क तक पहुंचाए जाने थे। फिलहाल दोनों आरोपी डॉक्टर व क्लर्क फरार हैं। जिनकी धरपकड़ में टीमें जुटी हुई हैं। अंबाला एंटी करप्शन ब्यूरो की टीम के अनुसार, पानीपत के आधार अस्पताल के संचालक डॉक्टर विशाल मलिक, सिविल अस्पताल के डॉक्टर पवन कुमार और क्लर्क नवीन कुमार ने बरसत रोड पर चल रहे इमेजिंग एंड डायग्नोस्टिक सेंटर का जनवरी 2024 में निरीक्षण किया था।

निरीक्षण के दौरान तीनों ने शिकायतकर्ता पर FIR दर्ज न करवाने व जारी किए गए नोटिस को फाइल करवाने के बदले में रिश्वत मांगी थी। तीनों के खिलाफ करनाल एसीबी थाना में IPC 384, 120बी और 7/ 7A करप्शन के तहत केस दर्ज कर लिया गया है। आरोपी डॉ. विशाल मलिक का बरसत रोड पर आधार अस्पताल है। कई सालों पहले मलिक ने बरसत रोड पर ही अपने दोस्त का इमेजिंग एंड डायग्नोस्टिक सेंटर खुलवाया था। इस सेंटर संचालक की पत्नी आरोपी विशाल के अस्पताल में महिला रोग विशेषज्ञ के रूप में कार्यरत है।

शिकायतकर्ता डॉक्टर मूल रूप से कैथल के कलायत का रहने वाला है। जिसके सेंटर पर जनवरी 2024 में पानीपत सिविल अस्पताल के SMO एवं लिंग जांच के खिलाफ कार्रवाई करने वाली टीम के इंचार्ज डॉक्टर पवन कुमार ने रेड की थी। यहां शिकायत थी कि लिंग जांच कर भ्रूण लिंग के बारे में बताया जाता है। रेड करने के बाद यहां सेंटर के खिलाफ रिपोर्ट तैयार की गई थी। जिसके बाद सेंटर संचालक पर बड़ी कार्रवाई करने का दबाव बनाया जा रहा था। कार्रवाई न करने पर 3 लाख रुपए की मांग की थी।

इसके बाद आरोपी पवन, नवीन और विशाल के बीच साठ-गांठ हुई। विशाल के माध्यम से 2 लाख रुपए में डील हुई। सेंटर संचालक ने कैथल एसीबी को शिकायत देकर कहा कि उस पर रुपए देने का दबाव बनाया जा रहा है। इसके बाद मुख्यालय की ओर से कैथल और अंबाला की संयुक्त टीम गठित हुई। रुपए देने के दौरान रेड की तो विशाल को भनक लग गई। उसने रुपए एक गत्ते के डिब्बे में फेंक दिए। टीम ने हाथ धुलवाए तो पानी गुलाबी हो गया।