मां के अंतिम संस्कार से पहले बेटे की हुई मौ+त, एक साथ जलीं दोनों चिताएं

मां के अंतिम संस्कार से पहले बेटे की हुई मौ+त, एक साथ जलीं दोनों चिताएं

सोनीपतः हरियाणा के सोनीपत में बुजुर्ग मां की मौत का सदमा बेटा सहन नहीं कर पाया। परिवार बुजुर्ग महिला के अंतिम संस्कार की तैयारियों में लगा था, उसी दौरान हरियाणा रोडवेज में कार्यरत बेटे की भी हार्ट अटैक से मौत हो गई। इसके बाद परिवार को एक साथ, एक की समय पर मां-बेटे की चिता जलानी पड़ी। एक साथ दो मौतों से जहां परिवार सदमे में हैं। वहीं शहर में इस घटना को मां के प्रति बेटे के गहरे प्रेम के तौर पर देखा जा रहा है।

सोनीपत शहर के जटवाड़ा में रहने वाली 84 वर्षीय महिला सावित्री देवी की रविवार को साढ़े 3 बजे के करीब मृत्यु हो गई। इसकी सूचना दूसरे स्थानों पर रहने वाले परिजनों और रिश्तेदारों को दी गई। शाम तक सभी रिश्तेदार पहुंच नहीं सके तो परिवार ने तय किया कि सावित्री देवी का अंतिम संस्कार सोमवार सुबह किया जाएगा, लेकिन नियति को तो कुछ और ही मंजूर था। सुबह सावित्री के अंतिम संस्कार की तैयारी चल रही थी। सभी रिश्तेदार आ चुके थे। इसी दौरान सुबह 10 बजे के करीब सावित्री के बेटे प्रमोद कुमार (51) के सीने में दर्द उठा। कुछ परिजन जहां मां के अंतिम संस्कार की तैयारियों को अंतिम रूप दे रहे थे तो वहीं कुछ परिजन सीने में दर्द की शिकायत के चलते प्रमोद को लेकर अस्पताल पहुंचे। वहां डॉक्टरों ने प्रमोद को भी मृत घोषित कर दिया।

बताया गया कि मां सावित्री और बेटा प्रमोद दोनों ही एक दूसरे के सहारे जी रहे थे। प्रमोद कुमार हरियाणा रोडवेज सोनीपत में मैकेनिक था। हालांकि प्रमोद कुमार का बेटा राहुल, पुत्रवधु व बेटी है, लेकिन उसे अपनी मां से इतना ज्यादा लगाव था कि उसकी मौत को सहन नहीं कर सका। इसके बाद सोमवार शाम को सोनीपत के ऋषि कॉलोनी स्थित श्मशानघाट में मां-बेटे का अंतिम संस्कार किया गया। इस दौरान बड़ी संख्या में लोग पहुंचे। प्रमोद कुमार अपने पीछे एक भरा पूरा परिवार छोड़ कर गए हैं, लेकिन उसने जीवन में कई बड़े दुख भी झेले। प्रमोद की पत्नी मोनिका का वर्ष 2015 में निधन हो गया था। इसके बाद वह बुरी तरह से टूट गया। मां सावित्री बुजुर्ग हो गई थी। ऐसे में मां की देखभाल और बच्चों की परवरिश के लिए परिवार ने 2016 में प्रमोद की दूसरी शादी कर दी। उसकी दूसरी पत्नी पारुल बाद में उसे छोड़कर चली गई। परिवार को इससे भी बड़ा सदमा लगा।