दूध से बनाया जा रहा साबुन, बढ़ रही डिमांड

दूध से बनाया जा रहा साबुन, बढ़ रही डिमांड

बाड़मेर: सरहदी बाड़मेर जिले की महिलाएं अब बकरी के दूध से साबुन तैयार कर रही हैं। यह साबुन त्वचा संबधी कई रोगों के इलाज में प्रयोग किया जाएगा। इसके अलावा ऑर्गेनिक गुणों के कारण त्वचा का रुखापन, ड्राई स्किन, डार्क स्पॉट को इस साबुन से ठीक किया जा सकता है। एक साबुन की कीमत करीब 150 रुपये है। पाकिस्तान की सीमा से लगते हरसाणी गांव की 29 महिलाएं ये साबुन बना रही हैं।

पाकिस्तान की सीमा के सरहदी बाड़मेर जिले के सीमावर्ती हरसाणी गांव की महिलाएं आत्मनिर्भर बनने के लिए स्वरोजगार से जुड़ी हैं। दावा किया जा रहा है कि ये साबुन कई बीमारियों को दूर करेगा। भारतीय स्टेट बैंक आरसेटी बाड़मेर और राजीविका बाड़मेर के संयुक्त तत्वावधान में हरसानी में स्वयं सहायता समूह की महिलाओं को नवाचार, रोजगार सृजन, महिला सशक्तिकरण, आजीविका सवर्धन के उद्देश्य से गोट मिल्क शॉप कार्यक्रम आयोजित किया जा रहा है। महज 6 दिन तक आयोजित होने वाली इस ट्रैनिंग के बाद अब महिलाएं घर बैठे ही बकरी के दूध से साबुन बना रही हैं। बकरी के दुध से नीम, डिटॉल व जामस्मिन के साबुन बनाए जा रहे है जोकि त्वचा सम्बंधी रोगों को दूर करेगा।

प्रशिक्षण लेने आई हरसाणी की दरिया कंवर का कहना है कि बकरी के दूध से साबुन बनाने के लिए 6 दिन का प्रशिक्षण दिया जा रहा है। जो कि बहुत आसान तरीका है और महिलाएं आराम से सीख रही है और अपना स्वरोजगार खोल सकती है। वही ममता का कहना है कि बकरी के दूध से साबुन बनाने की विधि बहुत ही सरल है इससे महिलाएं घर बैठे ही स्वरोजगार से जुड़कर आत्मनिर्भर हो रही है। 
अलग-अलग फ्लेवर के साबुन

जैसलमेर से आई मास्टर ट्रैनर सज्जन कंवर भाटी ने बताया कि जोधपुर से रॉ मेटेरियल लाकर महिलाओं को प्रशिक्षण दिया गया है। ढाई साबुन बेस में 200 ग्राम बकरी के दूध मिलाकर उसमें अलग अलग फ्लेवर यानी नीम, नींबू, जास्मिन, डिटॉल डालकर साबुन तैयार किया जाता है। एक साबुन 150 रुपये के हिसाब से बाजार में बेच सकते है। साथ ही इन औषधीय गुणों वाले साबुन की डिमांड बढ़ी है। 
प्रोग्राम कॉर्डिनेटर गौतम पन्नू के मुताबिक आरसेटी शहर से सरहद तक महिलाओं को स्वरोजगार से जोड़ने के लिए कई कार्यक्रम आयोजित कर रही है। हाल ही में हरसाणी गांव में स्वयं सहायता समूह की महिलाएं बकरी के दूध से साबुन बनाना सीख रही है जो कि महिलाओं को न केवल आमदनी बढ़ाएगा बल्कि उनको नई पहचान भी दिलाएगा।