सिद्धू मूसेवाला मर्डर केसः अंकिता सेरसा ने किए चौंकाने वाले खुलासे, बताया कैसे किया था कत्ल

सिद्धू के पोस्टमार्टम के दौरान उनके शरीर पर 24 गोलियों के निशान मिले

सिद्धू मूसेवाला मर्डर केसः अंकिता सेरसा ने किए चौंकाने वाले खुलासे, बताया कैसे किया था कत्ल
सिद्धू मूसेवाला मर्डर केसः अंकिता सेरसा ने किए चौंकाने वाले खुलासे

चंडीगढ़: पंजाबी गायक सिद्धू मूसेवाला मर्डर केस को लेकर बड़ी ख़बर सामने आई है। हाल ही में गिरफ्तार किए गए शार्प शूटर अंकित सेरसा ने पूछताछ दौरान खुलासे किए है। मिली जानकारी के अनुसार सिद्धू एके 47 की पहली गोली से ही मर चुके थे और थार की सीट पर गिर चुके थे। इसके बावजूद शार्प शूटर्सों ने उन पर ताबड़तोड़ गोलियां चलाई थी।

सिद्धू के पोस्टमार्टम के दौरान उनके शरीर पर 24 गोलियों के निशान मिले, जिसमें से 7 गोलियां उन्हें सीधी लगी थी। गौर हो कि सिद्धू मर्डर केस में 3 शार्पशूटर्स प्रियवर्त फौजी, कशिश उर्फ कुलदीप और अंकित सेरसा पकड़े जा चुके हैं। वहीं पंजाब के अमृतसर के जगरूप रूपा, मोगा के मनप्रीत मनु कुस्सा और दीपक मुंडी की तलाश की जा रही है। 

कोरोला में उनके साथ जगरूप रूपा, मनप्रीत मन्नू, फौजी सहित ये लोग थे शामिल

अंकित सेरसा ने यह भी बताया कि कोरोला में जगरूप रूपा और मनप्रीत मन्नू कुस्सा था और वह प्रियवर्त फौजी, कशिश उर्फ कुलदीप और दीपक मुंडी के साथ बोलेरो में था। कोरोला ने मूसेवाला की थार को ओवरटेक किया इसके बाद वह भी बोलेरो में वहां पहुंच गए। मन्नू कुस्सा ने ही सिद्धू की थार पर फायरिंग की जिससे टायर फट गए। इसके बाद मन्नू कुस्सा ने मूसेवाला को सबसे पहले गोली मारी। जगरूप कोरोला चला रहा था, कुस्सा के बाद बोलेरो सवार शार्प शूटर्स ने सिद्धू मूसेवाला को गोली मारी थी।

सेरसा ने गुनाह कबूलाः उसने सबसे नजदीक जाकर चलाई थी गोलियां

दिल्ली पुलिस की जांच दौरान अंकित सेरसा ने कबूल किया कि उसने ही सिद्धू के सबसे नजदीक जाकर गोलियां चलाई थी। उसने दोनों हाथ में पिस्टल पकड़कर फायरिंग की। इसके बाद नजदीक जाकर मूसेवाला के मरने का कन्फर्म करने के बाद वहां से भागे।  जब मूसेवाला को अस्पताल पहुंचाया गया तो उनकी मौत हो चुकी थी। 

पिता बलकौर सिंह भी कर चुके खुलासा 

बता दें मूसेवाला के पिता बलकौर सिंह भी खुलासा कर चुके कि चुनावों के दौरान भी 8 बार मूसेवाला की हत्या की कोशिश हुई। उस वक्त मूसेवाला के पास करीब 10 कमांडों थे, इसलिए उनकी फायरिंग करने की हिम्मत नहीं हुई। इसके बाद सरकार ने सिक्योरिटी घटा उसका प्रचार कर दिया तो अगले ही दिन उनके बेटे मूसेवाला की बेरहमी से हत्या कर दी गई।