शराब डिपो की डिस्ट्रीब्यूटरशिप की एवज में निवेशकों से ठगे 70 लाख रुपए, देखें वीडियो

शराब डिपो की डिस्ट्रीब्यूटरशिप की एवज में निवेशकों से ठगे 70 लाख रुपए, देखें वीडियो

चंडीगढ़/ (ए.एन.एस): शराब के डिपो की डिस्ट्रीब्यूटरशिप बांटने की एवज में बाहरी निवेशकों से  70 लाख रुपये ने करीब ठगने का मामला प्रकाश में आया है। मध्य प्रदेश स्थित सांची के एक निवेशक राधा रमन अहिरवार और नई दिल्ली के रजनीश कुमार ने स्थानीय शराब बनाने वाली कंपनियों काया इस्प्रीट्स और बच्चुस-इंटरप्राईसिस पर धोखाधड़ी और उनसे लगभग 70 लाख रुपये ठगने का आरोप लगाया है। शिकायतकर्ता ने इस संदर्भ में चंडीगढ़ स्थित पंजाब पुलिस के मुख्यालय में डीजीपी और सेंट्रल एक्साइज विभाग से शिकायत दर्ज कर आरोपियों में कार्यवाही करने की मांग की है। 

सेक्टर 27 स्थित चंडीगढ प्रेस कल्ब में आयोजित प्रैस कांफ्रेंस के दौरान 40 वर्षीय राधा रमण ने बताया कि वे पुस्तैनी कृषक है और गत वर्ष कंपनी के सम्पर्क में आकर अपने व्यापार का विस्तार करते हुये भोपाल में काया इस्प्रीट्स की डिस्ट्रीब्यूटरशिप लेने का विचार बनाया। नई दिल्ली और पटियाला में कंपनियों के अधिकारियों और कंपनी के प्रबंध निदेशक करुण कौरा और उनकी सहकर्मी रुप हांडा से कई दौर की बैठकें हुई और परिणामस्वरूप उन्होंनें कंपनी की डीलरशिप ले ली। इस दौरान रमण ने ऐग्रीमेंट के अंतर्गत कंपनी की बोतलों (स्टॉक) की एवज में 25 लाख रुपये का भुगतान कंपनी के बैंक आफ इंडिया में एडवांस स्वरुप भुगतान कर दिया। इसके बाद कंपनी अधिकारी टैक्सेशन संबंधी दस्तावेज ईमेल के माध्यम से भेजते रहे जिससे की सभी औपचारिकता पूरी की जा सके।

इसके बाद औपचारिकता पूरी हो 45 दिनों के बाद जब रमण ने कंपनी से स्टॉक मांगा तो उन्हें बैठक के लिये एक बार फिर पटियाला बुलाया गया। बैठक के दौरान रमण को पूरे राज्य की डीलरशिप देने का प्रलोभन दिया गया जिसके बाद रमण ने पूरे मध्य प्रदेश की डिस्टीब्यूशन लेने का मन बनाया और आरटीजीएस माध्यम से कुछ किश्तों के बाद दो सितंबर तक कुल 70 लाख रुपये तक का भुगतान किया। इसके बाद भी रमण कंपनी के वायदे अनुसार स्टॉक से वंचित रहे। रमण के अनेकों प्रयासो के बावजूद भी एग्रीमेंट के उल्लंघन करते हुये उन्हें मध्य प्रदेश स्थित अपनी डीलरशिप में स्टॉक अभी तक प्राप्त नहीं हुआ जिससे उन्हें स्पष्ट हो गया कि कंपनी ने उनके साथ धोखाधडी की है।

रमण ने कंपनी की तह तक जानने के लिये कई प्रयास किये और उन्हें बाद में पता चला कि कंपनी न केवल उनके साथ धोखा किया है बल्कि राजस्थान, हरियाणा, दिल्ली, असम तक के राज्यों में निवेशकों के साथ इसी तर्ज पर धोखा कर चुकी है और कंपनी प्रबंधकों पर धारा 420, 406,467, 468, 120 बी के तहत मामले दर्ज पाये गये हैं। यह सभी मामले वर्ष 2022 में ही दर्ज हुए हैं। रमण ने सरकार और पुलिस से मांग की है कि कंपनी की कार्यप्रणाली की जांच की जाये जिससे बाहरी प्रदेश के निवेशकों को ठगने से बचाया जा सके। साथ ही उन्होंने यह भी मांग की है उनका कंपनी में फंसा पैसा जल्द छुडाया जाये और अरोपियों पर सख्त कार्यवाही की जाए।