चंडीगढ़ः जिला अदालत में वकीलों ने रखा 'नो वर्क डे', देखें वीडियो

चंडीगढ़ः जिला अदालत में वकीलों ने रखा 'नो वर्क डे', देखें वीडियो

चंडीगढ़/ (ए.एन.एस): बंदी सिखों की रिहाई को लेकर बीते 8 फरवरी को पुलिस पर हुए हिंसक हमले मामले में 2 वकीलों पर हुई एफआईआर के विरोध में आज भी चंडीगढ़ जिला अदालत में 'नो वर्क डे' है। पिछले करीब एक सप्ताह से जिला अदालत में वकीलों द्वारा कामकाज ठप्प रखे जाने से लोगों के केस और ज्यूडीशियरी का कामकाज प्रभावित हो रहा है। वहीं अब कुछ वकील इस प्रकार कामकाज ठप रखने का विरोध भी करने लगे हैं। 

जिला अदालत के वकील विजय सिंह भारद्वाज ने कहा कि चंडीगढ़ पुलिस ने जिला अदालत के जिन दो वकीलों पर केस दर्ज किया है तो किसी आधार पर ही केस दर्ज किया होगा। वहीं उन्होंने कहा कि एक सीनियर एडवोकेट(अमर सिंह चहल) ने दावा किया है कि घटना के दौरान वह प्रदर्शन स्थल पर मौजूद नहीं थे। हालांकि पुलिस को उनकी इस अपराध में कोई सहभागिता नजर आई होगी। वहीं अगर पुलिस कोई अपराध साबित नहीं कर पाता तो वह छूट जाएंगे। 

बार से करेंगे 'नो वर्क डे' बंद करने की मांग

भारद्वाज ने कहा कि वह जिला अदालत में नो वर्क डे के चलते कामकाज प्रभावित होने को लेकर एक लेटर डिस्ट्रिक्ट बार एसोसिएशन को लिखेंगे। इसमें बार को बताया जाएगा कि पहले वकील कोविड महामारी के दौरान बेहद परेशान रहे हैं। वहीं आम लोग भी परेशान रहे। अब एक बार फिर से लोगों के केस प्रभावित हो रहे हैं। वहीं ज्यूडीशियरी भी इस नो वर्क डे से प्रभावित हो रही है। भारद्वाज ने कहा कि जिला बार  एसोसिएशन की तरफ से एक गलत संदेश जा रहा है कि शायद बार दंगा करने वालों के हक में बार स्ट्राइक कर रही है। 

कैबिनेट मंत्री के साथ मीटिंग में थे एडवोकेट

जिला बार एसोसिएशन का कहना है कि 8 फरवरी को हिंसक घटना वाले समय एडवोकेट अमर सिंह चहल और दिलशेर सिंह जंडियाला पंजाब के कैबिनेट मंत्री इंदरबीर सिंह निज्जर के साथ बंदी सिखों की रिहाई के मुद्दे को लेकर मीटिंग में थे। चंडीगढ़ जिला बार एसोसिएशन ने यह दावा करते हुए चंडीगढ़ पुलिस पर दो वकीलों को गैरकानूनी ढंग से झूठे केस में फंसाने के आरोप लगाए हुए हैं। एफआईआर में वकीलों का नाम डालने पर चंडीगढ़ के डीजीपी को भी एक रिप्रेजेंटेशन दी गई थी। सेक्टर 34 थाना एसएचओ दविंदर सिंह की शिकायत पर केस दर्ज हुआ है।

इन धाराओं में केस दर्ज

बता दें कि सेक्टर 36 थाना पुलिस ने घटना को लेकर दंगा करने, हथियारों समेत दंगे करने, गैरकानूनी रूप से जुटने, सरकारी कर्मी की ड्यूटी में बाधा पहुंचाने, सरकारी आदेशों की उल्लंघन करने, सरकारी कर्मी को ड्यूटी के दौरान जानबूझकर चोटिल करने, चोट पहुंचाने, हत्या के प्रयास, डकैती, रॉबरी, सरकारी संपत्ति को नुकसान पहुंचाने, आपराधिक साजिश रचने और आर्म्स एक्ट की धाराओं में केस दर्ज किया हुआ है।