पंजाबः इस मामले में DSP, रीडर मंदीप सहित 2 अन्य गिरफ्तार

पंजाबः इस मामले में DSP, रीडर मंदीप सहित 2 अन्य गिरफ्तार

चंडीगढ़ः सीबीआई ने 50 लाख रुपये की रिश्वत के मामले पंजाब पुलिस के डीएसपी अमरोज सिंह, उनके रीडर मंदीप और दो अन्य व्यक्ति मनीष गौतम और प्रदीप को गिरफ्तार किया है। चारों आरोपियों को अदालत में पेश किया गया, जहां से डीएसपी और रीडर को दो दिन के सीबीआई रिमांड और मनीष व प्रदीप को जेल भेज दिया गया। वर्ष 2021 में अंबाला निवासी व आईटी कंपनी मालिक मोहित शर्मा ने जीरकपुर के तत्कालीन डीएसपी अमरोज सिंह को शिकायत दी थी कि हरियाणा के जींद निवासी अनिल मोर और कैथल निवासी दिलबाग सिंह उसे ब्लैकमेल कर कंपनी में शेयर और पैसे मांग रहे हैं लेकिन उसकी शिकायत पर सुनवाई नहीं हुई। वहीं, मोहित ने अनिल और दिलबाग न तो पैसे दिए और न ही कंपनी में शेयर।

इस बीच, प्रदीप नामक शख्स ने शिकायत दी कि उसके मोहित की कंपनी में 15 लाख रुपये के शेयर हैं लेकिन वह उसे लौटा नहीं रहा। अनिल और दिलबाग को इस शिकायत के बारे में पता चल गया। उन्होंने पुलिस से मिलीभगत कर प्रदीप की शिकायत के आधार पर मोहित की कंपनी के बैंक खाते फ्रीज करवा दिए। वहीं, इसी शिकायत पर डीएसपी अमरोज सिंह के रीडर मंदीप ने मोहित को कॉलकर कहा कि उसके खिलाफ शिकायत आई है। इस बारे में डीएसपी ने बुलाया है। उसी दिन अनिल और दिलबाग ने मोहित को फोन कर कहा कि अगर वह इन सभी मामलों से छुटकारा चाहता है तो उसे इसके एवज में 50 लाख रुपये देने होंगे।

मोहित ने आरोपियों को 12.5 लाख रुपये की रिश्वत दे दी और आगे के रुपये देने से इन्कार किया। इस पर दोनों आरोपी दबाव बनाने लगे। मोहित ने इस संबंध में चंडीगढ़ सीबीआई को शिकायत दे दी। उसकी शिकायत पर चंडीगढ़ सीबीआई ने जाल बिछाकर 7 मार्च 2021 को 10 लाख रुपये रिश्वत लेने के लिए अनिल को बुलाया। उसके साथ दिलबाग भी आया था। सीबीआई ने उसी समय दोनों को गिरफ्तार कर लिया था। उसके बाद पूछताछ में पता चला कि इस मामले को रचने में अमरोज सिंह, उसके रीडर मंदीप और दो अन्य आरोपियों का हाथ था। उस दौरान सीबीआई के पास अमरोज सिंह व मंदीप के खिलाफ सबूत नहीं थे लेकिन जांच एजेंसी ने वॉयस रिकॉर्डिंग व अन्य सबूत फॉरेंसिक जांच के लिए भेजे थे। फॉरेंसिक जांच में इन दोनों के खिलाफ सबूत मिले और सीबीआई ने दोनों को दबोच लिया।

अमरोज की पढ़ाई आर्मी स्कूल से हुई है। वह आर्मी और आयकर विभाग में अच्छे पदों पर रहा है। वह भ्रष्टाचार के खिलाफ बनाई गई सीएम हेल्पलाइन नंबर का को-आर्डिनेटर रहा है। इस समय वह मोहाली पुलिस के इंटेलिजेंस विंग में कार्यरत्त था। अमरोज की जहां भी तैनाती हुई मंदीप उसके साथ ही रहता था। जीरकपुर में डीएसपी रहने के दौरान मंदीप उसका रीडर था, उसके बाद मोहाली में डीएसपी पद पर तैनात रहते हुए भी मंदीप उसके साथ ही रहा। पंजाब पुलिस में अमरोज को काफी तेज माना जाता है, इसलिए आईटी से जुड़े कार्यों में भी उसका सबसे ज्यादा हाथ रहता था। यही कारण था कि अमरोज कई अधिकारियों का चहेता भी था। दूसरी ओर मोहाली का डीएसपी बनने के बाद अमरोज सिंह ने चंडीगढ़-खरड़ हाइवे पर रिश्वत ले रहे पुलिसकर्मियों को सस्पेंड भी किया था।