केंद्र से मीटिंग से पहले किसानों ने रखी यह शर्त
चंडीगढ़ः किसानों द्वारा 13 फरवरी से दिल्ली कूच के लिए शंभू और खनौरी बॉर्डर पर धरना लगाया हुआ है। वहीं किसानों से मीटिंग को लेकर केंद्र ने प्रस्ताव भेजा हुआ है। वहीं अब किसानों ने केंद्र से मीटिंग को लेकर पहले शर्त रख दी है। किसानों का कहना है कि वह केंद्र के साथ अब पांचवें दौर की बैठक तब करेंगे, जब पंजाब पुलिस युवा किसान शुभकरण की मौत मामले में केस दर्ज करेगी। यह दावा किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल ने किया है। उन्होंने कहा कि केंद्रीय मंत्री रोजाना यह बात कहते हैं कि मसला बातचीत से ही हल होगा, लेकिन केंद्र मांगों के प्रति गंभीर नहीं है। उन्होंने कहा कि पंजाब सरकार ढीला रवैया अपनाए हुए है।
चेतावनी दी कि यदि किसानों की मांगों के संबंध में कोई कदम न उठाया तो 29 फरवरी को होने वाली बैठक में पंजाब सरकार के खिलाफ भी सख्त एक्शन का एलान किया जाएगा। उन्होंने यह भी संकेत दिया कि हो सकता है कि किसान संगठन दिल्ली कूच न करके कोई बड़ा कदम उठाएं। यह कदम पंजाब, हरियाणा और केंद्र सरकार के खिलाफ हो सकता है। दूसरी ओर हरियाणा सरकार ने एक बार फिर से अंबाला में 28 और 29 फरवरी यानी दो दिन के लिए इंटरनेट पर पाबंदी लगा दी है। किसान नेता जगजीत डल्लेवाल ने बताया किसान प्रीतपाल सिंह के साथ हरियाणा पुलिस ने मारपीट कर उस पर मामला दर्ज किया है। शुभकरण की मौत पर अब तक सरकार ने एफआईआर दर्ज नहीं की है, ऐसे में अगले दौर की बैठक नहीं होगी।
मंगलवार को संयुक्त किसान मोर्चा और किसान मजदूर मोर्चा के संयुक्त फोरम के बीच हुई बैठक में यह निर्णय लिया गया है। डल्लेवाल ने कहा कि बुधवार को सभी फोरम एक बार फिर इकट्ठे होकर अगली रणनीति तैयार करेंगे। किसानों ने दातासिंह वाला बॉर्डर पर शांति मार्च निकाला। किसान नेताओं ने कहा कि वे लोग शांति चाहते हैं। शांति के माध्यम से अपनी मांग सरकार से मनवाना चाहते हैं। जब तक सरकार लिखित में मांग पूरी नहीं करती तब तक आंदोलन चलता रहेगा। अगर सरकार उनको शांति से दिल्ली जाने देगी तो ठीक है, नहीं तो वह दिल्ली जाने के लिए कोई अन्य रणनीति बनाकर हर हाल में दिल्ली कूच करेंगे।