भारतीय मजदूर संघ ने उप चिकित्सा अधीक्षक पर लगाए टैंडर में छेड़छाड़ करने के आरोप

भारतीय मजदूर संघ ने उप चिकित्सा अधीक्षक पर लगाए टैंडर में छेड़छाड़ करने के आरोप

अपने निजी स्वार्थों के लिए पंजाब स्तिथ निजी अस्पताल को दी प्रथमिकता

बददी/ सचिन बैंसल :  भारतीय मजदूर संघ ने टैंडर घोटाले में  उप चिकित्सा अधीक्षक एसडी शर्मा के खिलाफ सीबीआई जांच कराने की मांग की है।  संघ ने कर्मचारी राज्य बीमा निगम के महानिदेशक को इस संबंध में पत्र लिखा है। भारतीय मजदूर संघ के राज्य उद्योग प्रभारी ने महानिदेशक को लिखे पत्र में कहा गया कि जनवरी 22 से पहले ईएसआई में पंजीकृत मजदूरों और उनके आश्रितों को सकेंडरी केयर उपचार के लिए प्रदेश के निजी अस्पताल में निशुल्क स्वास्थ्य सुविधा उपलब्ध थी,  लेकिन जनवरी 22 के बाद प्रदेश में इसके लिए आईएसआईसी अस्पताल काठा के अधीक्षक की जिम्मेदारी तय की गई। अस्पताल में अधीक्षक का पद रिक्त होने से उप चिकित्सा अधीक्षक एसडी शर्मा को अधीक्षक का कार्य भार सौंपा गया।
लेकिन एसडी शर्मा ने अपने निजी स्वार्थो के लिए पंजाब के मोहाली स्थित एक निजी अस्पताल को लाभ पहुंचाया। पहले तो हिमाचल के निजी अस्पतालों को इसके लिए मान्य नहीं किया गया। जब सुविधा समागम में इस पर ट्रेड यूनियनों और उद्योग पतियों ने आवाज उठाई तब ईएसआई के निदेशक संजीव कुमार के हस्तक्षेप से संकेडरी  केयर उपचार के लिए टैंडर लगाए गए। लेकिन उसके बावजूद भी उप चिकित्सा अधीक्षक की मनमानी से आज तक मरीज इस सुविधा से वंचित है।
मेला राम ने बताया कि टैंडर दस्तावेज एक अत्याधिक संवेदनशील दस्तावेज है। तथा टैंडर में किसी प्रकार की छेड़छाड़ भ्रष्टाचार की श्रेणी में आता है। टैंडर जारी करते हुए समय उप चिकित्सा अधीक्षक ने संकेडरी केयर उपचार के लिए अपनी मर्जी से शर्त रखी कि जिस निजी अस्पताल के पास सौ बैड की व्यवस्था है उसे टाईअप किया जाएगा। जबकि  ईएसआई नियम के अनुसार 30 बैड वाले अस्पताल भी टैंडर में भागीदारी कर सकते है। और यदि किसी अस्पताल में तीस से भी कम बैड है तो उसमें छूट का प्रावधान है लेकिन उप चिकित्सा अधीक्षक ने मौहाली के एक निजी अस्पातल को लाभ पहुंचाने के लिए टैंडर की शर्तो में छेड़छाड़ की और हिमाचल जैसे पहाड़ी प्रदेश के कामगार हिमाचल में ही सुविधा सुविधा मिलने से वंचित रखा। उन्होंने निगम के महानिदेशक से मांग की है कि इस मामले की सीबाआई या ईडी से जांच कराई जाए। मेला राम ने प्रधानमंत्री, केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री, श्रम एवं रोजगार मंत्री, एसपी विजीलेंस शिमला, केंद्रीय सर्तकता आयुक्त दिल्ली, डीसी सोलन और एसपी बद्दी को भी पत्र भेजा है।