भारत रत्न डॉ अंबेडकर ने भारत को एकता और अखंडता का पढ़ाया था पाठ: वीरेंद्र कंवर

भारत रत्न डॉ अंबेडकर ने भारत को एकता और अखंडता का पढ़ाया था पाठ: वीरेंद्र कंवर

ऊना/ सुशील पंडित :  कुटलैहड़ विस क्षेत्र के थानाकलां में डॉ भीमराव अंबेडकर जंयती बड़ी धूमधाम से मनाई गई। जिसमें पूर्व मंत्री वीरेंद्र कंवर ने बतौर मुख्यातिथि शिरकत की। बहीं कार्यक्रम की अध्यक्षता भाजपा एससी मोर्चा के जिलाध्यक्ष सुरम सिंह ने की, जिला पार्षद उपाध्यक्ष कृष्ण पाल शर्मा ने विशेष अतिथि के रूप में शिकरत की। पूर्व मन्त्री कंवर ने ज्योति प्रज्ज्वलित करके डॉ भीम राब अंबेडकर की प्रतिमा पर पुष्प देकर श्रद्धाजलि दी। कंवर ने सम्बोधन में कहा कि भारत रत्न डॉ भीम राव अम्बेडकर का जन्म 14 अप्रैल 1891 को हुआ था। कबीर पंथी पिता और धर्म परायण माता की गोद में बालक का आरंभिक काल अनुशासित रहा। डॉ. बाबा साहेब अम्बेडकर का मूल नाम भीमराव था। उनके पिताश्री रामजी वल्द मालोजी सकपाल महू में ही मेजर सूबेदार के पद पर एक सैनिक अधिकारी थे। अपनी सेवा के अंतिम वर्ष उन्‍होंने और उनकी धर्मपत्नी भीमाबाई ने काली पलटन स्थित जन्मस्थली स्मारक की जगह पर विद्यमान एक बैरेक में गुजारे। उन्होंने कहा कि भीमराव का प्राथमिक शिक्षण दापोली और सतारा में हुआ।    

संविधान तथा राष्ट्र निर्माण उन्‍होंने समता, समानता, बन्धुता एवं मानवता आधारित भारतीय संविधान को 02 वर्ष 11 महीने और 17 दिन के कठिन परिश्रम से तैयार कर 26 नवंबर 1949 को तत्कालीन राष्ट्रपति डॉ. राजेन्द्र प्रसाद को सौंप कर देश के समस्त नागरिकों को राष्ट्रीय एकता, अखंडता और व्यक्ति की गरिमा की जीवन पध्दति से भारतीय संस्कृति को अभिभूत किया। वर्ष 1951 में महिला सशक्तिकरण का हिन्दू संहिता विधेयक पारित करवाने में प्रयास किया और पारित न होने पर स्वतंत्र भारत के प्रथम कानून मंत्री के पद से इस्तीफा दिया। 

इस मौके पर जिला परिषद उपाध्यक्ष कृष्ण पाल शर्मा , एससी मोर्चा के जिलाध्यक्ष सूरम सिंह, निर्मला देवी,कैप्टन प्रीतम डडवाल, मास्टर रमेश शर्मा, एस सी मोर्चा के मंडलाध्यक्ष तरसेम लाल, बीडीसी सदस्य राजेंद्र रिंकू ,चरण जीत शर्मा, विजय शर्मा, दुर्गा दास, कैप्टन सुभाष चंद, रणजीत सिंह, जितेंद्र सिंह, जगदीश चंद, प्रेम चंद, हेमराज,सुखदेव, राम सिंह , सरदार गुरदयाल सिंह, उपप्र धान सुखदेव, परस राम, प्रीतम चंद, साली राम,प्यार सिंह,, राकेश कुमार पूर्व प्रधान उर्मिला देवी के अलाबा सैकड़ो गणमान्य लोग मौजूद रहे।