डीजल बसों के रजिस्ट्रेशन पर लगी रोक

डीजल बसों के रजिस्ट्रेशन पर लगी रोक

चंडीगढ़ : यू.टी. प्रशासन ने शहर में इलेक्ट्रिक व्हीकल (ईवी) को लेकर लागू की गई नीति को लेकर राज्य ट्रांसपोर्ट अथारिटी ने शहर में डीजल से चलने वाले स्कूल और फैक्टरी बसों के रजिस्ट्रेशन पर रोक लगा दी है। इन बसों के रजिस्ट्रेशन 30 सितंबर 2023 तक रोक रहेगी और 1 अक्टूबर 2023 से बसों का रजिस्ट्रेशन फिर से शुरू होगा। साथ ही डीजल टूरिस्ट बसों के रजिस्ट्रेशन पर भी रोक लगा दी है। इस संबंध में प्रशासन के एक अधिकारी ने बताया कि 50 बसों का रजिस्ट्रेशन कोटा पूरा हो चुका है, इसलिए अब इन बसों का रजिस्ट्रेशन एक अक्टूबर 2023 से ही शुरू होगा।

उसके बाद भी 50 बसों का रजिस्ट्रेशन कोटा पूरा होने पर इसे फिर से बंद कर दिया जाएगा। गौरतलब है कि शहर के सभी कमर्शियल वाहनों को एस.टी.ए. के साथ रजिस्टर्ड किया जाता हैं। प्रशासन के मुताबिक यह कार्रवाई इलेक्ट्रीक नीति के तहत की गई है, क्योंकि उन्होंने यह कोटा वित्तीय वर्ष की पहली छमाही में तय किया था। वर्तमान में शहर में लगभग 3500 डीजल चालित बसें हैं, जिनमें 2000 स्कूल बसें, 1000 टूरिस्ट और फैक्टरी बसें और लगभग 550 चंडीगढ़ ट्रांसपोर्ट अंडरटेकिंग (सी.टी.यू.) बसें शामिल हैं।

यू.टी. प्रशासन ने इस साल अपने बेड़े में 100 और इलेक्ट्रिक बसें जोड़ने की योजना बनाई है, क्योंकि विभाग के पास वर्तमान में केवल 80 इलेक्ट्रिक बसें हैं। विभाग को ट्राईसिटी के विभिन्न रूटों पर चलने वाली सभी डीजल बसों के बजाय सिर्फ इलेक्ट्रिक बसें चलानी पड़ रही है। नीति के तहत प्रशासन ने गैर इलेक्ट्रिक वाहनों के रजिस्ट्रेशन पर भी अगले 5 साल के लिए कैपिंग लगा दी है। कैपिंग के तहत चालू वित्त वर्ष के लिए गैर-इलेक्ट्रिक दोपहिया वाहनों के रजिस्ट्रेशन जुलाई के पहले सप्ताह तक पूरा हो जाएगा, जिससे जुलाई के दूसरे सप्ताह से गैर-इलेक्ट्रिक दोपहिया वाहनों का रजिस्ट्रेशन बंद हो जाएगा। इसी प्रकार गैर इलेक्ट्रीक चौपहिया वाहनों का भी रजिस्ट्रेशन दिसंबर माह के अंत तक किया जाएगा, क्योंकि दिसंबर माह तक 22626 गैर इलेक्ट्रीक चौपहिया वाहनों की निर्धारित सीमा पूरी कर ली जाएगी।

प्रशासन के अनुसार चौपहिया वाहनों का रजिस्ट्रेशन अगले साल अप्रैल माह से फिर से शुरू होगा और अगले साल के लिए निर्धारित सीमा के अनुसार होगा, लेकिन गैर इलेक्ट्रिक दोपहिया वाहनों का पंजीयन अगले 3 दिनों तक फिर से शुरू नहीं होगा। नीति के अनुसार, अगले 3 वर्षों तक रजिस्ट्रेशन में दोपहिया इलेक्ट्रिक वाहनों की हिस्सेदारी 100 प्रतिशत है। हालांकि प्रशासन ने इलेक्ट्रीक नीति को लेकर समीक्षा बैठक भी बुलाई है, जिसमें प्रशासन के अहम प्रस्तावों पर चर्चा होगी।