बॉर्डर हिंसा के बाद पंजाब-चंडीगढ़ DGP ने नकेल कसने और बचाव के लिए बनाई रणनीति

बॉर्डर हिंसा के बाद पंजाब-चंडीगढ़ DGP ने नकेल कसने और बचाव के लिए बनाई रणनीति

चंडीगढ़ः पंजाब और चंडीगढ़ बॉर्डर पर पुलिस और कौमी इन्साफ मोर्चा के बीच हुए टकराव के बाद शुक्रवार को पंजाब पुलिस के डीजीपी गौरव यादव और चंडीगढ़ पुलिस के डीजीपी प्रवीर रंजन ने सांझा बैठक की। बैठक में दोनों तरफ कानून व्यवस्था को सही तरीके से लागू करने पर गहराई से मंथन किया गया।

कौमी इन्साफ मोर्चे के धरने के चलते पंजाब-चंडीगढ़ बॉर्डर पर बेहतर तालमेल बनाने के लिए दोनों राज्यों की पुलिस ने संयुक्त बैठक की। इस बैठक में पंजाब और चंडीगढ़ के डीजीपी के अलावा एडीजीपी, एसएचओ, आईजी रूपनगर रेंज समेत चंडीगढ और मोहाली के एसएसपी भी बैठक में शामिल हुए। बैठक में तय किया गया कि दोनों राज्यों की पुलिस एकजुट होकर हालात पर काबू रखेगी।

चंडीगढ़-मोहाली पर पुख्ता सुरक्षा प्रबंध

पंजाब और चंडीगढ़ के बॉर्डर पर कौमी इन्साफ मोर्चा का धरना प्रदर्शन लगातार जारी है, जिसे देखते हुए पजाब पुलिस पहले से ही सतर्क है तो वहीं चंडीगढ़ पुलिस ने भी यहां सुरक्षा व्यवस्था बेहद कड़ी कर दी है। बॉर्डर पर चंडीगढ़ पुलिस के और जवानों की तैनाती की गई है।

प्रदर्शनकारियों पर पैनी नजर

दोनों राज्यों की पुलिस प्रदर्शनकारियों पर पैनी नजर बनाए हुए है। हाल ही में हुए टकराव के बाद बैकफुट पर आई चंडीगढ़ पुलिस इस समय पूरी तरह से सतर्क दिखाई दे रही है। वह फिर से किसी भी तरह का जोखिम नहीं उठाना चाहती है।

क्या है मामला

बता दें कि सजा पूरी कर चुके सिख कैदियों की रिहाई को लेकर कौमी इन्साफ मोर्चा बीते एक महीने से संघर्ष कर रहा है। मोर्चा के नेता पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान के आवास का घेराव करने पर अड़े हैं। लेकिन पुलिस उन्हें बार-बार बीच रास्ते ही बैरंग लौटा देती है। इस मुद्दे को लेकर बीती 8 फरवरी को प्रदर्शनकारियों और पुलिस के बीच हिंसक टकराव हो गया था, जिसमें कई प्रदर्शनकारियों समेत कुछ पुलिसकर्मी भी घायल हो गए थे। साथ ही पुलिस के वाहनों के साथ भी तोड़फोड़ की गई थी। इस मामले में कुछ प्रदर्शनकारियों पर मामला भी दर्ज किया गया था।