पंजाबः कांग्रेस विधायक सुखपाल खेहरा ने LPU के बाद Sant Seechewal पर लगाए जमीन पर कब्जा करने के आरोप, देखें वीडियो

पंजाबः कांग्रेस विधायक सुखपाल खेहरा ने LPU के बाद Sant Seechewal पर लगाए जमीन पर कब्जा करने के आरोप, देखें वीडियो
कांग्रेस विधायक सुखपाल खेहरा ने LPU के बाद Sant Seechewal पर लगाए जमीन पर कब्जा करने के आरोप

भुलत्थ, (कपूरथला)। अखिल भारतीय किसान कांग्रेस के अध्यक्ष व भुलत्थ विधायक सुखपाल सिंह खेहरा ने लवली प्रोफेशन यूनिवर्सिटी(एलपीयू) के चांसलर व आप के राज्यसभा सदस्य अशोक मित्तल के बाद आम आदमी पार्टी के दूसरे राज्यसभा सदस्य पर्यावरण और पदमश्री संत बलबीर सिंह सीचेंवाल पर एक ओंकार चैरिटेबल ट्रस्ट निर्मल कुटिया सीचेंवाल के नाम पर जमीन कब्जाने के आरोप जड़े हैं। संत सीचेवाल के सुल्तानपुर लोधी के दो गांव जामेवाल में 56 कनाल व फतेहवाला में 112 कनाल जमीन पर कब्जा कर रखा है। जबकि राजस्व विभाग में इस जमीन की मालकियत पंजाब सरकार है। खेहरा ने संत सीचेंवाल से इन दोनों गांवों में ट्रस्ट के जरिये अवैध कब्जा करके रखी सरकारी जमीन को छुड़वाने के लिए सीएम भगवंत मान को पत्र लिखा है। जबकि इसकी एक प्रति उन्होंने बाकायदा पंचायत मंत्री कुलदीप सिंह धालीवाल को भी प्रेषित की है। इस पत्र के साथ खैरा ने राज्सव विभाग की प्रतियां भी संलग्न की हैं।

सुखपाल ‌खेहरा ने सीएम और पंचायत मंत्री लिखा पत्र

विधायक सुखपाल ‌सिंह खेहरा ने सीएम और पंचायत मंत्री को लिखे पत्र में कहा कि चूंकि ‘आप’ की सरकार पंचायत/प्रांतीय भूमि पर शक्तिशाली राजनेताओं, अधिकारियों और भू-माफियाओं की ओर से अवैध अतिक्रमण से छुटकारा दिलाने के लिए गंभीर प्रयास कर रही है। इस पत्र के माध्यम से पह बाबा बलबीर सिंह सीचेंवाल के स्वामित्व वाले ट्रस्ट की ओर से कपूरथला जिले में इस तरह के अवैध कब्जे का मामला उनके संज्ञान में लाना चाहता हूं। यह सरकारी भूमि तहसील सुल्तानपुर लोधी के गांव जामेवाल और फतेहवाला के दो गांवों के अधीन हैं। पत्र के साथ लगे  2018-19 राजस्व विभाग की जमा राशि के अनुसार उक्त ट्रस्ट नंबर 4 कब्जाकार है, जबकि नंबर 3 मालिक में प्रांतीय सरकार है।

गांव जामेवाल में 56 कनाल और फतेहवाला में 112 कनाल जमीन पर है अवैध कब्जा

आप के सांसद बाबा बलबीर सिंह सीचेंवाल के स्वामित्व वाले उक्त ट्रस्ट का गांव जामेवाल में 56 कनाल, जबकि गांव फतेहवाला में 112 कनाल जमीन पर अवैध कब्जा है। खेहरा ने कहा कि पंचायत मंत्री कुलदीप सिंह धालीवाल अक्सर अवैध अतिक्रमण से छुटकारा पाने के लिए ऐसे गांवों का दौरा करते हैं और इसी तरह आप भी हाल ही में 2828 एकड़ जमीन पर दावा करने के लिए छोटी बद्दी नागल गांव पहुंचे, भले ही आपके दावे विवादित हों, लेकिन उक्त सरकारी भूमि पर अवैध कब्जे का यह मामला राजस्व विभाग के रिकॉर्ड के अनुसार पूरी तरह से स्पष्ट है। यहां यह भी उल्लेख किया जाना चाहिए कि कब्जाधारियों की ओर से अवैध खेती रिकॉर्ड के बॉक्स नंबर 2 में स्पष्ट रूप से लिखी गई है। यह भी एक तथ्य है कि उक्त ट्रस्ट की ओर से दशकों से इस भूमि का उपयोग कृषि के लिए किया जा रहा है, लेकिन ट्रस्ट ने कभी भी संबंधित पंचायतों के पास कोई आय जमा नहीं की है जो उन्हें सरकार का डिफाल्टर भी बनाती है।

अवैध कब्जे का इससे बड़ा मामला नहीं हो सकता: खेहरा

खेहरा ने कहा कि आपकी पार्टी के राज्यसभा सांसद बाबा बलबीर सिंह सीचेंवाल जैसे शक्तिशाली हस्तियों की ओर से ऐसी भूमि पर अवैध कब्जे का इससे बड़ा मामला नहीं हो सकता। इन अवैध व्यवसायों से छुटकारा पाने के लिए आपके पास एक उदाहरण स्थापित करने का एक सुनहरा अवसर है, क्योंकि यदि आप अभी कोई ठोस कार्रवाई नहीं करते हैं, तो यह माना जाएगा कि आपका अभियान आपके विरोधियों जैसे सांसद सिमरनजीत सिंह मान आदि के खिलाफ है और राजनीति से प्रेरित है। उन्हें उम्मीद है कि आप इस मामले में जल्द से जल्द न्याय करेंगे। उन्होंने कहा कि वह यह भी बताना चाहते हैं कि उन्होंने (सीएम) सांसद अशोक मित्तल के स्वामित्व वाली एलपीयू के खिलाफ उनकी शिकायत पर कोई कार्रवाई नहीं की है, जिन्होंने नानक नगर की पंचायत को सहमति दी है, जिसकी ग्राम चहेड़ू की पंचायत भूमि में 39 फीसदी हिस्सेदारी है। चहेरू गांव की 13.25 एकड़ जमीन 100 करोड़ रुपये की अदला-बदली से हड़प ली गई। एलपीयू की ओर से हस्तांतरण में दी गई भूमि बंजर भूमि है और इसकी कीमत केवल 15 लाख रुपये प्रति एकड़ है। उक्त गलत स्थानांतरण को पंचायत मंत्री के हस्ताक्षर से निरस्त किया जा सकता है। अब यह परखने का समय है कि आप अपनी ही पार्टी के शक्तिशाली लोगों के खिलाफ कार्रवाई करने की क्षमता रखती है अथवा नहीं।

राज्सभा सदस्य पदमश्री संत बलबीर सिंह सीचेंवाल ने माना कि जमीन सरकारी है, लेकिन उन्होंने यह तत्कालीन चेयरमैन हरजिंदर सिंह से खरीदी है। बाकायदा भुगतान किया गया है। वहीं सरकार को भी 2-3 किस्त अदा की गई है, लेकिन उसके बाद सरकार ने नोटीफिकेशन जारी करके काब्जकारों के नाम कर दी। इस भूमि पर गऊशाला हैं, जहां पर गऊएं रहती हैं, उनके खाने के लिए चारा बीजा जाता है। वहीं यहां पर पहले कूड़े के ढेर लगते थे, जिन्हें हटाकर उन्होंने कारसेवा के जरिये यहां पौधे लगवाकर हरा-भरा बनाया। सुखपाल खैरा की ओर से सीएम को लिखे पत्र की बात करें तो सीएम मान, पंचायत मंत्री धालीवाल व खुद सुखपाल खेहरा आए और यहां का संचालन अपने हाथ में लें, गऊशाला की गऊओं की सेवा करें, उन्हें बेहद खुशी होगी। जब चाहें सरकार इसे अपने संचालन में ले सकती हैं, वह तत्काल यहां से हट जाएंगे।