अस्पताल में ढाई माह के बच्चे की हुई मौत, स्टाफ WhatsApp पर रहा व्यस्त

अस्पताल में ढाई माह के बच्चे की हुई मौत, स्टाफ WhatsApp पर रहा व्यस्त

अमृतसर : गुरु नानक देव अस्पताल के बाल रोग विभाग में स्टाफ की लापरवाही से दाखिल ढाई महीने के बच्चे की मौत हो गई। अभिभावकों ने आरोप लगाया कि बच्चा जब बीमारी व दर्द से तड़प रहा था तो स्टाफ नर्स एक-दूसरे पर बच्चों की देख-रेख की जिम्मेदारी डालकर मोबाइल पर व्हाट्सएप चलाती रही। उन्होंने बताया कि स्टाफ नर्स के सामने अपने बच्चे की हालत बयां करते हुए वह हाथ-पैर जोड़कर गिर गया पर उनका दिल नहीं पसीजा। मामला अस्पताल के मेडिकल सुपरिंटेंडेंट डॉक्टर कर्मजीत सिंह के ध्यान में आने के बाद उन्होंने जांच के आदेश दिए हैं.जानकारी के अनुसार गुरु नानक देव अस्पताल में रोजाना सैंकड़ों मरीज ओपीडी तथा एमरजेंसी में इलाज के लिए आते हैं।

अस्पताल के अधीन ही बाल तथा गायनी विभाग बनाया गया है। गत दिन गुरु रामदास नगर के रहने वाले करन कुमार द्वारा अपने ढाई महीने के बच्चे को पीलिया होने की शिकायत के लिए बाल रोग विभाग में दाखिल करवाया गया। बच्चा रोग विभाग में जब वह अपने बच्चों को लेकर आया तो उसे इन्फेक्शन तथा पीलिया था, बच्चों के इलाज के लिए पहले वह डाक्टर तथा वार्ड में तैनात स्टाफ के पास इधर-उधर भटकता रहा। आखिरकार सुबह 11 बजे इलाज करने से पहले बच्चे का सैंपल लिया गया परंतु शाम 7 बजे तक सैंपल की रिपोर्ट उन्हें नहीं दी गई। इस दौरान बच्चों को ग्लूकोस दिया गया। उसके अनुसार इस दौरान रिपोर्ट आने से पहले ही उनके बच्चे की मौत हो गई थी। जब उन्होंने शोर मचाया तो तब स्टाफ ने आकर बच्चे को ऑक्सीजन लगाई और इलाज के नाम पर ड्रामेबाजी करनी शुरू कर दी। उसने कहा कि अस्पताल लापरवाही के कारण उसके बच्चे की मौत हुई है तथा स्टाफ के खिलाफ सख्त कार्रवाई होनी चाहिए।