विद्यार्थियों को नशा, साइबर क्राइम व यातायात के बारे में किया जागरूक

विद्यार्थियों को नशा, साइबर क्राइम व यातायात के बारे में किया जागरूक

बच्चे सामाजिक बुराइयों से दूर रहकर कड़ी मेहनत करें- श्याम लाल

बददी/ सचिन बैंसल : युवा नशे से दूर रहकर शिक्षा, खेलकूद तथा समाज हित की अन्य गतिविधियों में अपनी बेहतर प्रतिभा का प्रदर्शन कर अपने मां-बाप के सपनों को पूरा करें। दृढ़ इच्छाशक्ति रखकर अपने लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए कड़ा परिश्रम करें। उक्त विचार बरोटीवाला  थाना प्रभारी इंस्पेक्टर श्याम लाल  ने आज चितकारा यूनिवर्सिटी बरोटीवाला में  आयोजित कार्यक्रम मे उपस्थित यूनिवर्सिटी के  बच्चों को संबोधित करते हुए व्यक्त किए। इस अवसर पर  थाना प्रभारी ने युनिवर्सिटी के  बच्चों को नशे से दूर रहने का आह्वान करते हुए कहा कि नशा समाज के लिए गंभीर चुनौती है ,जो कि एक चिंता का विषय भी है। उन्होंने कहा कि पुलिस अधीक्षक के नेतृत्व में जिला पुलिस द्वारा नशे के खिलाफ लगातार जोरदार अभियान चलाया जा रहा है।

थाना प्रभारी ने कहा कि जिला पुलिस द्वारा जहां नशा तस्करों की धरपकड़ की जा रही है, वहीं आमजन को नशा जैसी बुराई के खिलाफ जागरूक भी किया जा रहा है। थाना प्रभारी ने इस अवसर पर छात्र-छात्राओं तथा यूनिवर्सिटी  के स्टाफ सदस्यों से कहा कि जिला पुलिस अपने स्तर पर नशे के खिलाफ मुहिम चलाए हुए हैं, परंतु इस अभियान की संपूर्ण सफलता के लिए प्रत्येक व्यक्ति को आगे आकर अहम जिम्मेदारी निभानी होगी। बरोटीवाला थाना प्रभारी ने कार्यक्रम के दौरान युनिवर्सिटी के  बच्चों तथा स्टाफ सदस्यों को साइबर क्राइम के बारे में जागरूक करते हुए कहा कि किसी भी प्रलोभन में आकर किसी दूसरे व्यक्ति से अपनी बैंक संबंधी जानकारी शेयर ना करें ।

उन्होंने कहा कि आपकी थोड़ी सी भी लापरवाही आपकी वर्षों की कमाई पर पानी फेर सकती है, इसलिए सावधानी एवं सतर्कता ही साइबर ठगी से बचने का बेहतर उपाय है। बरोटीवाला थाना प्रभारी इंस्पेक्टर श्यामलाल ने यूनिवर्सिटी के बच्चों को संबोधित करते हुए कहा कि वे खुद यातायात नियमों की पालना करें तथा अपने आसपास के लोगों को भी यातायात नियमों को अपनाने के लिए प्रेरित करें ताकि भविष्य में किसी सडक़ दुर्घटना की पुनरावृति न होने पाए। इस मौके पर थाना प्रभारी श्यामलाल कौंडल बरोटीवाला ने कहा कि अगर कोई परिवार में नशे के आदि हो चुके किसी भी पुरुष को बिना दवाई दिए किस तरह से स्प्रिचुअल बातों से उसकी शराब की आदत छुड़ाई जा सकती है और किस तरह योग और ध्यान (मेडिटेशन) द्वारा भी नशा कैसे छुड़ाया जाए यह भी उन्होंने बहुत अच्छी तरह समझाया और कहा कि यह आदत हमेशा के लिए छुड़ाई जा सकती है ।  उन्होंने बताया कि मेडिटेशन करने से हैप्पी हार्मोन्स पैदा होते हैं जिससे नशीले पदार्थों में कम निर्भरता रहती हैं, जिससे लीवर, किडनी और क्षतिग्रस्त मस्तिष्क को सही करना, डिप्रेशन, चिंता अथवा घबराहट और ब्लड प्रेशर सही रहता है तथा निर्णय लेने की क्षमता व स्मृति का विकास होता है, मानसिक विकृति का विकास होता है बड़ी गहराई से समझाया।