बेअदबी मामला : नर्सों ने प्लास्टिक के दस्तानों से बांधी सिख मरीज की दाढ़ी

बेअदबी मामला :  नर्सों ने प्लास्टिक के दस्तानों से बांधी सिख मरीज की दाढ़ी

नई दिल्ली : ब्रिटेन के लंदन में नर्सों ने एक सिख मरीज की दाढ़ी को प्लास्टिक के दस्तानों से बांध दिया और उसे उसके ही पेशाब में छोड़ दिया। इसके बाद उसे वो खाना दिया गया, जो वो धार्मिक कारणों से नहीं खा सकता था। ये दावा यूके के शीर्ष नर्सिंग वॉचडॉग के एक वरिष्ठ व्हिसलब्लोअर ने किया है। नर्सिंग एंड मिडवाइफरी काउंसिल (NMC) की ओर से द इंडिपेंडेंट को लीक किए गए एक डोजियर में कहा गया कि सिख व्यक्ति ने एक नोट में भेदभाव की शिकायत करने के बावजूद इन नर्सों को काम करने की अनुमति दी गई थी। रिपोर्ट में कहा गया है कि नर्सिंग नियामक संस्था 15 सालों से नस्लवाद का समाधान करने में विफल रहा है, जिसने NMC कर्मचारियों को भेदभावपूर्ण विचारों के आधार पर असंगत मार्गदर्शन लागू करने पर अनियंत्रित होने की अनुमति दी है।

सिख मरीज की पगड़ी फर्श पर पड़ी मिली। द इंडिपेंडेंट की रिपोर्ट के मुताबिक सिख मरीज के परिवार को उसकी पगड़ी फर्श पर पड़ी मिली और उसकी दाढ़ी रबर के दस्तानों से बंधी हुई थी. साथ ही बताया गया कि उसका मामला, जिसे शुरू में NMC की स्क्रीनिंग टीम ने बंद कर दिया था, अब फिर से मूल्यांकन किया जा रहा है। एक सूत्र ने बताया कि जांच को आगे न बढ़ाने का फैसला लेने के लिए NMC के स्टाफ जिम्मेदार है। वो मरीज के लिखे गए शिकायत वाले नोट के जवाबों पर ठीक से विचार करने में विफल रहे।

मरीज की मौ'त हो चुकी है। पंजाबी में लिखे नोट में दावा किया गया है कि नर्सों ने उस पर हंसा था, उसे भूखा रखा था और उसकी कॉल बेल का जवाब नहीं दिया, इससे वह गीला हो गया और अपने ही पेशाब में गिर गया। NMC के भीतर खतरनाक नस्लवाद के दावे पहली बार 2008 में उठाए गए थे। दस्तावेजों से पता चलता है कि कैसे काले और जातीय अल्पसंख्यक कर्मचारियों को डर है कि अगर वे नस्लवाद के बारे में बोलेंगे, तो वे बेनकाब हो जाएंगे। दस्तावेजों से पता चला है कि NMC के भीतर भय का माहौल है, जिसके कारण कर्मचारी नर्सिंग नियामक को अपनी चिंताओं को रिपोर्ट करने से डरते है।