पंजाबः बेअदबी के विरोध में हालात तनावपूर्ण: बाजार बंद, चप्पे-चप्पे पर पुलिस तैनात

पंजाबः बेअदबी के विरोध में हालात तनावपूर्ण: बाजार बंद, चप्पे-चप्पे पर पुलिस तैनात

मोरिंडाः रुपनगर जिले के मोरिंडा में कोतवाली साहिब गुरुद्वारे में बेअदबी का मामला थमने का नाम नहीं ले रहा। आज दूसरे दिन भी इलाके में माहौल तनावपूर्ण बना हुआ है। शहर के छोटे-बड़े सभी बाजार बंद है। स्थिति को संभालने के लिए पूरे जिला सहित विभिन्न जिलों से पुलिस फोर्स तैनात हो चुकी है। आरोपी के खिलाफ कार्रवाई के लिए सिख संगत पुलिस थाने के बाहर धरने पर बैठी है। विरोध प्रदर्शन और नारेबाजी की जा रही है। वहीं इस दौरान पूर्व सीएम चरणजीत सिंह चन्नी भी धरने पर बैठे हुए दिखाई दिए। बीते दिन आरोपी जसबीर सिंह के घर भी तोड़-फोड़ की गई है। बताया जा रहा है कि आरोपी का परिवार फरार चल रहा है। घटना के विरोधस्वरूप मोरिंडा के दुकानदारों ने बाजार बंद रखे। तख्त श्री केसगढ़ साहिब के जत्थेदार ज्ञानी रघबीर सिंह ने भी बेअदबी की इस घटना की कड़े शब्दों में निंदा की।

राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग के अध्यक्ष इकबाल सिंह लालपुरा ने भी इस घटना पर कड़ा संज्ञान लेते हुए आरोपी के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की। लोगों का आरोप है कि बेअदबी करने वाले ने पहले गुरुद्वारा साहिब में पाठ कर रहे पाठी की पिटाई की और फिर गुरु साहिब के पवित्र अंगों से छेड़छाड़ की थी। पुलिस ने आरोपी जसबीर सिंह को गिरफ्तार कर लिया और धार्मिक भावनाएं आहत करने और हत्या के प्रयास के आरोप में मामला दर्ज कर लिया है। पुलिस ने सोमवार को कहा था कि आरोपी पर भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 295 ए (किसी भी वर्ग के धर्म या धार्मिक विश्वासों का अपमान करके उनकी धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने के इरादे से जानबूझकर और दुर्भावनापूर्ण कार्य) और 307 (हत्या का प्रयास) के तहत मामला दर्ज किया गया है।

लालपुरा ने कहा कि पंजाब ने साम्प्रदायिक हिंसा का लंबा इतिहास देखा है। अगर आरोपियों को सख्त सजा और इन मामलों की निष्पक्ष जांच होती तो ऐसी घटनाओं से बचा जा सकता था। राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग ने पंजाब के मुख्य सचिव से पिछले 45 सालों में पंजाब में बेअदबी के सभी मामलों की सूची मांगी है। बीते दिन बेअदबी की इस घटना से मोरिंडा के लोगों में गुस्सा फैल गया और उन्होंने सड़क पर धरना शुरू कर दिया। इससे मोरिंडा में स्थिति तनावपूर्ण बन गई। धरने पर बैठे लोगों ने आरोप लगाया कि पुलिस उस युवक को पागल करार देना चाहती है। उन्होंने दावा किया कि न तो युवक की हरकतें पागलों वाली थीं और न ही उसकी मंशा। लोगों ने कहा कि जब तक युवक के खिलाफ कार्रवाई नहीं की जाती, वह धरना खत्म नहीं करेंगे।