पंजाबः बच्ची को जिंदा दफनाने के मामले में कोर्ट का आया फैसला

पंजाबः बच्ची को जिंदा दफनाने के मामले में कोर्ट का आया फैसला

लुधियानाः सैशन जज मुनीश सिंघल की अदालत ने 35 वर्षीय नीलम नामक महिला को अपने पड़ोसी हरप्रीत सिंह की ढाई वर्षीय बेटी दिलरोज कौर की भयानक हत्या के लिए दोषी ठहराया है। सजा की अवधि सोमवार को घोषित की जाएगी। दोषी नीलम ने 28 नवंबर 2021 को शिमलापुरी इलाके से बच्ची को स्कूटी पर अगवा करके सलेम टाबरी इलाके में रेत का गड्ढा खोद कर जिंदा दफन कर दिया था। पुलिस रिपोर्ट के अनुसार नीलम के मन में परिवार के प्रति गहरी दुश्मनी थी, जिसके कारण उसने यह जघन्य अपराध किया।

नीलम ने हत्या की सावधनीपूर्वक योजना बनाई और उसे अंजाम दिया, मासूम बच्ची को जिंदा दफना दिया और फिर घर लौटकर संदेह से बचने के लिए सामान्य व्यवहार किया। पीड़िता के माता-पिता का प्रतिनिधित्व करने वाले एडवोकेट पी.एस घुमन ने नीलम को क्रूर हत्या के लिए दोषी ठहराए जाने के अदालत के फैसले की पुष्टि की। सजा सोमवार (15 अप्रैल) को सुनाई जाएगी। नीलम के खिलाफ भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 364 के तहत हत्या के इरादे से अपहरण के आरोप हैं, साथ ही बच्चे की मौत के बाद हत्या (302) और सबूत नष्ट करने (201) की अतिरिक्त धाराएं भी जोड़ी गई हैं।

परिवार ने इंसाफ के लिए कैंडल मार्च भी निकाले थे। नीलम तलाकशुदा है और 2015 से अपने 2 बेटों के साथ अपने मायके में रह रही है। उसके बेटे सड़क पर दूसरे बच्चों के साथ हाथापाई करते थे, जिसके बाद कुछ निवासियों ने उनसे इस बारे में शिकायत की। तब से, वह यह मानने लगी है कि हर कोई उसके और उसके बच्चों के खिलाफ है। हत्या से कुछ दिन पहले, नीलम ने दिलरोज के माता-पिता के साथ किसी छोटी सी बात पर झगड़ा किया था। उसने उनसे दुश्मनी पाल ली और उनकी छोटी बेटी की हत्या कर दी।