जस्सी हत्याकांडः अदालत ने सुनाई ता-उम्र कैद की सजा

चचेरा भाई ही निकला हत्यारा, क्राइम पेट्रोल देखकर रची थी साजिश

जस्सी हत्याकांडः अदालत ने सुनाई ता-उम्र कैद की सजा
जस्सी हत्याकांडः अदालत ने सुनाई ता-उम्र कैद की सजा

जालंधर, (वरुण अग्रवाल): पंजाब के कपूरथला शहर में 11 अप्रैल 2016 में हुए 14 वर्षीय जसकीरत सिंह जस्सी हत्याकांड में आज कपूरथला की माननीय सेशन जज की अदालत में हत्या के तीनों आरोपियों को ता-उम्र कैद (मरने तक) की सजा सुनाई गई है। मामले की जानकारी देते हुए पीड़ित परिवार के सीनियर एडवोकेट संजीव बासंल ने बताया कि माननीय सेशल कोर्ट कपूरथला के जज ए.एस. ग्रेवाल ने जसकीरत सिंह जस्सी हत्याकांड मामले में आज दोनों पक्षों के वकीलों की दलीले सुनने के बाद फैसला सुनाया है। उन्होंने इस हत्याकांड के तीन आरोपियों को ता-उम्र कैद की सजा सुनाई है।

कपूरथला पुलिस ने साल 2016 में हुए इस हत्याकांड मामले में तीनों आरोपियों को नामजद किया था। जिनकी पहचान परविंदर सिंह उर्फ शैली निवासी सेंट्रल टाउन, राजविंदर सिंह ऊर्फ राजा निवासी हरनाम नगर और अर्शदीप सिंह गिल के रूप में हुई थी।

ट्यूशन पढ़ने जा रहा था जस्सी, आरोपियों ने अपहरण कर मांगी फिरौती

एक बड़े उद्योगपति घराने का बेटा 14 वर्षीय जसकीरत सिंह उर्फ जस्सी 11 अप्रैल को घर से ट्यूशन पढ़ने गया था। रास्ते में आरोपियों ने जस्सी का अपरहण कर लिया था। अपहरणकर्ताओं ने जसकीरत के परिवार से 30 लाख रुपए फिरौती मांगी थी। अपहणकर्ताओं को परिवार वाले पैसे देने को भी तैयार गए थे लेकिन 2 दिन बाद तरनतारन के पास जस्सी का शव बरामद हुआ। 

जस्सी हत्याकांड में ताया का बेटा निकला मास्टरमाइंड

हत्या के 26 दिन बाद पुलिस ने 3 आरोपितों को हिरासत में लिया था। मुख्यारोपित जस्सी के परिवार का ही एक सदस्य था। जस्सी के ताया जसपाल सिंह का बेटा परविंदर सिंह उर्फ शैली ही उसके अपहरण और हत्याकांड का मास्टरमाइंड निकला। पुलिस जांच में खुलासा हुआ कि उसने अपने स्कूल के दो दोस्तों के साथ जस्सी की हत्या कर दी। 

क्राइम पैट्रोल देख कर रची गई थी 

पुलिस जांच में खुलासा हुआ कि जसकीरत के अपहरण की साजिश उसके रिश्तेदार परविन्द्रजीत शैली व उसके दोस्तों ने क्राईम पैट्रोल देख कर रची थी। जस्सी के अपहरण करने की योजना और फिर हत्या की योजना बेहद ही प्रोफैशनल थी। जिस कारण पुलिस को भी आरोपियों तक पहुंचने के लिए काफी मेहनत करनी पड़ी। क्योंकि जब पुलिस जांच शुरू हुई तो आरोपी परविन्द्रजीत खुद ही परिवार व पुलिस के साथ जसकीरत को ढूंढता रहा। जिस कारण किसी को तुरंत उस पर शक भी नहीं हुआ। लेकिन जैसे ही उन्हें पकड़े जाने का डर लगा तो जसकीरत की हत्या कर शव फैंक दिया गया।

अदालत ने सुनाई उम्र कैद की सजा

अप्रैल 2016 में आरोपियों की गिरफ्तारी के बाद अदालत में इस मामले की सुनवाई चल रही थी। लगभग 6 साल बाद अदालत ने फैसला सुनाया। अदालत में अडीशनल डिप्टी अटार्नी और अडीशनल पब्लिक प्रोसीक्यूटर अनिल बोपाराए ने पक्ष मजबूती से रखा। अदालत ने सुनवाई के पश्चात तीनों आरोपियों परविन्द्रजीत, राजविन्द्र सिंह और अर्शदीप गिल को उम्रकैद की सजा सुनाई।

परिवार से ईर्ष्या करता था आरोपी परविंदर सिंह 

पुलिस के अनुसार कपूरथला के कैप्सन इंडस्ट्री के मालिक बलदेव सिंह के पोते 14 साल के जसकीरत सिंह उर्फ जस्सी की हत्या की योजना परविंदर सिंह उर्फ शैली ने काफी समय पहले रची थी। वह अपने दादा बलदेव सिंह, चाचा नरिंदरजीत सिंह और चाचा जंगबीर सिंह के मुकाबले पिता जसपाल सिंह के आर्थिक तौर पर पिछड़ने की वजह से जस्सी व उसके परिवार से ईर्ष्या करता था। शैली के पिता को व्यापार में काफी घाटा पड़ा था। उनका सब कुछ बिक चुका था। इसलिए यह कदम उठाया। बलदेव अपने बेटे नरिंदरजीत और जंगबीर के साथ अलग रहते थे और इंडस्ट्री भी साथ चलाते थे। जसपाल सिंह अलग रहता था।