जालंधरः फिर विवादों में आया सिविल अस्पताल, नर्सिंग स्टाफ ने मोर्चा खोलकर दी प्रशासन को ये चेतावनी

जालंधरः फिर विवादों में आया सिविल अस्पताल, नर्सिंग स्टाफ ने मोर्चा खोलकर दी प्रशासन को ये चेतावनी

जालंधर/वरुणः सिविल अस्पताल आए दिन विवादों के चलते चर्चा में रहने लगा है। अब सिविल अस्पताल में अस्पताल में स्टाफ की कमी को लेकर नर्सिंग स्टाफ ने अस्पताल के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। इसके चलते नर्सिंग स्टाफ ने अस्पताल प्रशासन को लिखित में मैमोरैंडम भी दिया है और उन्होंने प्रशासन को चेतावनी दी है कि यदि शीघ्र ही स्टाफ की कमी को पूरा न किया गया तो वह हर रोज इमरजेंसी के बाहर दो घंटे धरना लगाएंगी। नर्सिंग स्टाफ एसोसिएशन का कहना है कि अस्पताल में स्टाफ की कमी का खामियाजा उन्हें भुगतना पड़ रहा है।

जब लोगों को सुविधा नहीं मिलती तो वह उनके साथ बहस और लड़ाई झगड़े करते हैं। यहां तक कि सिविल अस्पताल में कई मामले स्टाफ के साथ मारपीट के भी सामने आ चुके हैं। एसोसिएशन ने कहा कि लोग भी अपनी जगह पर ठीक हैं जब उन्हें अस्पताल में सुविधाएं नहीं मिलेंगी तो वह बहस करेंगे। लेकिन उन्हें कैसे समझाया जाए कि वह कई बार सिविल अस्पताल के प्रशासन से स्टाफ की कमी को पूरी करने के लिए बैठकों से लेकर लिखित मे मेमोरैंडम दे चुकी हैं लेकिन अस्पताल प्रशासन कोई सुनवाई ही नहीं करता।

नर्सिंग एसोसिएशन की प्रधान कांता ने कहा कि उन्होंने आज बार-बार डिमांड देने के बावजूद उस पर कोई सुनवाई न होने पर तंग आकर सिविल अस्पताल जालंधर के मेडिकल सुपरिनटैंडैंट को चेतावनी पत्र दे दिया है। उसमें स्पष्ट कर दिया है कि उन्हें अब अस्पताल में स्टाफ की कमी को पूरा करने के लिए संघर्ष का रास्ता अपनाना पड़ सकता है। वह ओपीडी के बाहर विरोध प्रदर्शन शुरू करेंगे। यदि इस दौरान किसी मरीज को परेशानी होती है तो अस्पताल का प्रशासन इसके लिए जिम्मेदार होगा।