बददी में अनोखे ढंग से मना स्वतंत्रता दिवस रचा इतिहास

बददी में अनोखे ढंग से मना स्वतंत्रता दिवस रचा इतिहास

सफाई कर्मचारी को मुख्य अतिथि बना उससे करवाया ध्वजारोहण

हरिओम योगा सोसाईटी ने आयोजित किया था कार्यक्रम


बददी/सचिन बैंसल : बददी में इस बार स्वतंत्रता दिवस पर इतिहास रचा गया है। शहर में हरिओम योगा सोसाईटी ने टौरेंट पार्क बददी में आयोजित आजादी दिवस कार्यक्रम अलग ढंग से मनाया है। कार्यक्रम में किसी भी राजनेता को न बुलाकर आम आदमी व सुबह शाम बददी शहर का कूडा कचरा सफाई करने वाले कर्मचारियों  को मुख्य अतिथि बनाया गया। इत तीनों ने सामूहिक रुप से ध्वजारोपण किया। यह उच्च सोच व मार्ग दर्शन संभव हो पाया श्यामा प्रसाद मुखर्जी जी के उपासक डा. श्रीकंात शर्मा व आर्य समाज के अध्यक्ष कुलवीर सिंह आर्य की बदौलत। कार्यक्रम की विशेषता यह रही कि बददी के तीन सफाई कर्मचारियों को ध्वजारोहण का यह अवसर प्रदान किया गया । कुलवीर आर्य ने बताया कि सफ़ाई कर्मचारी सन्दीप कुमार , विपिन कुमार और मैहताब ने मिलकर झण्डा फहराया। इस अवसर पर सबसे पहले हिमाचल प्रदेश में प्राकृतिक आपदा के कारण शिमला तथा प्रदेश में भिन्न-भिन्न जगह हुई लोगों की मृत्यु पर शोक व्यक्त किया और दो मिनट को मौन रखकर दिवंगत आत्माओं को श्रद्धांजलि अर्पित की गई। तत्पश्चात बड़ी संख्या में आए बच्चों ने देशभक्ति के कार्यक्रम प्रस्तुत किए।
बाद में बच्चों को पुरस्कृत किया गया। डा श्रीकांत शर्मा ने कहा कि आज जरुरत है हमें एकात्म मानववाद की जरुरत है। एकात्म मानववाद का उद्देश्य व्यक्ति एवं समाज की आवश्यकता को संतुलित करते हुए प्रत्येक मानव को गरिमापूर्ण जीवन सुनिश्चित करना है। यह प्राकृतिक संसाधनों के संधारणीय उपभोग का समर्थन करता है जिससे कि उन संसाधनों की पुन: पूर्ति की जा सके। एकात्म मानववाद न केवल राजनीतिक बल्कि आर्थिक एवं सामाजिक लोकतंत्र एवं स्वतंत्रता को भी बढ़ात है। यह सिद्धांत विविधता को प्रोत्साहन देता है अत: भारत जैससे विविधतापूर्ण देश के लिए यह सर्वाधिक उपयुक्त है। एकात्म मानववाद का उद्देश्य प्रत्येक मानव को गरिमापूर्ण जीवन प्रदान करना है एवं ‘अंत्योदय’ अर्थात समाज के निचले स्तर पर स्थित व्यक्ति के जीवन में सुधार करना है। इस प्रकार, यह दर्शन भारत जैसे कल्याणकारी राज्य में सदैव प्रासंगिक रहेगा।