'विजीलैंस' के अधिकारियों को मूर्ख बना गए Jalandhar बिल्डिंग विभाग के ATP और इंस्पैक्टर 

'विजीलैंस' के अधिकारियों को मूर्ख बना गए Jalandhar बिल्डिंग विभाग के ATP और इंस्पैक्टर 

150 शिकायतों में से एक के खिलाफ भी नहीं हुई कोई कार्रवाई

जालंधर, ENS: पंजाब सरकार द्वारा जालन्धर बिल्डिंग विभाग में फैले भ्रष्टाचार पर नकेल कसने के लिए जिस उम्मीद से चीफ विजीलैंस विभाग की टीम भेजी गई थी उस टीम को दो दिन में बिल्डिंग विभाग के एटीपी तथा बिल्डिंग इंस्पैक्टरों ने खूब मूर्ख बनाया। टीम के पास जालन्धर से सबंधित 150 से ज्यादा शिकायतों का डाटा था जिसकी जांच करने थी और रिकार्ड तलब करना था मगर ज्यादातर एटीपी तथा बिल्डिंग इंस्पैक्टरों ने एकजुट होकर टीम को न तो कोई रिकार्ड दिखाया और न ही किसी जगह पर मौके की जांच करवाई। यह पहली बार हुआ कि जालन्धर में विजीलैंस की टीम पहुंची हो ओर बिल्डिंग विभाग ने किसी भी अवैध इमारत के खिलाफ कोई कारवाई की हो।

यही नहीं विजीलैंस के अधिकारियों ने खुद मोबाईल पर जीपीएस लोकेशन लगवा कर कुछ मौके देखे जिसमें शास्त्री मार्किट के करीबी एजीआई होटल के सामने वाली बिल्डिंग जिसे कागजों में सील किया हुआ है और मौके पर फ्रंट वाली दीवार के पीछे 1400 स्केयर फुट का लैंटर डाला गया है इसी के साथ महुल्ला गोबिंदगढ़ में स्थित एसडी कालेज के सामने बिना कारोबारी नक्शा पास करवाए दो मल्टीस्टोरी इमारतें बनाई जा रही थी जिसकी टीम ने  मौके पर पहुंच कर तस्वीरें भी ली और वीडियोग्राफी भी की। यह इमारत बिल्डिंग विभाग की मिलीभगत से बनवाई जा रही थी जब मौके पर विजीलैंस की टीम पहुंची तो खुद की चमड़ी बचाने के लिए इस बिल्डिंग को आधे घंटे बाद ही सील कर दिया गया।

नए कमिश्नर गौतम जैन ने चार्ज संभालते ही बिल्डिंग विभाग को किया था तलब, मगर हालात अभी भी बेकाबू

कमिश्नर गौतम जैन ने जिस तरह चार्जं संभालते ही पहले दिन बिल्डिंग विभाग तो तलब कर लिया था उससे लग रहा था कि अब इस विभाग के माथे पर लगा भ्रष्टाचार का दाग साफ हो जाएगा मगर उन्होने इस मामले में दोबारा कोई दिलचस्पी नहीं दिखाई जिसकी वजह से विभाग के अधिकारी उसी लह में काम कर रहे हैं और शहर में हो रहे हजारों अवैध निर्माणों के खिलाफ सिवाए नोटिस जारी करने के कोई कारवाई नहीं हो रही। दूसरी ओर एटीपी सुखदेव वशिष्ट की ओर से लगातार अवैध निर्माण के खिलाफ सूपरफास्ट कारवाई की जा रही है। कमिशनर गौतम जैन के लिए इस विभाग को पटरी पर लाना एक बड़ी चुनौती बनी हुई है।