पंजाबः सरकार की नीति से भड़के ट्रक ऑप्रेटरों ने खोला मोर्चा, 134 यूनियनों ने बुलाई मीटिंग
जालंधर/वरुणः पंजाब में धान के शुरू हुए सीजन को लेकर ढुलाई के मामले में ऑल पंजाब ट्रक एकता की बैठक 8 अक्तूबर को रामपुरा फूल ट्रक यूनियन में बुलाई गई है। इस मामले में गठित की गई 15 सदस्यीय कोर कमेटी के मैंबर परमजीत सिंह फाजिल्का ने बताया कि बैठक में पंजाब के 64,000 ट्रक ऑप्रेटर शामिल होंगे और इसमें ट्रक ऑप्रेटरों को पेश मुश्किलों पर चर्चा की जाएगी। इस एकता कमेटी में 134 ट्रक यूनियन मैंबर हैं। दरअसल, मंडियों में धान का सीजन चल रहा है और धान की फसल ट्रालियों में तो खुली आती है लेकिन यहां से गोदामों में बोरों में पैक होकर जाती है।
यह फसल ट्रकों को माध्यम से भिजवाई जाती है। लेकिन इस बार सरकार ने ट्रकों को लेकर नए नियम लागू कर दिए हैं। नए नियम के अनुसार मंडी के गेट पर लोड होकर ट्रक जब पहुंचेगा तो उसकी फोटो होगी और वह विभाग के पोर्टल पर अपलोड होगी। हालांकि सरकार का यह नियम पारदर्शिता को ध्यान में रखते हुए है तो ठीक लेकिन इसके लिए कोई अलग से व्यवस्था नहीं की गई है। मंडी के सुपरवाइजरों की ही ड्यूटी लगाई गई है कि वह मंडी के गेट पर अपने मोबाइल से फोटो खींच कर पोर्टल पर अपलोड करें। लेकिन सुपरवाइजर अन्य कामों में व्यस्त रहने के कारण कई बार ट्रकों की लाइन गेट पर लग जाती है और इससे ट्रांसपोर्टर खासे परेशान हैं।
ट्रांसपोर्टरों का कहना है कि ट्रक ने सिर्फ एक दिन में एक ही चक्कर नहीं लगाना होता बल्कि कई चक्कर लगाने होते हैं। मंडी बोर्ड के इस नियम से उन्हें घाटा उठाना पड़ रहा है। उनका कहना है कि शाम को पांच बजे सुपरवाइजर छुट्टी करके चले जाते हैं और उनकी गाड़ियां मंडी में ही खड़ी रह जाती है। इससे उन्हें रोजाना हजारों रुपये का नुकसान उठान पड़ रहा है। ट्रांसपोर्टरों ने सरकार के नए नियम और व्यवस्था पर भी सवाल उठाए हैं कि एक सुपरवाइजर अपने अन्य कामों के साथ-साथ अपने मोबाइल से इतने ट्रकों के फोटो खींचकर पोर्टल पर कैसे अपलोड कर सकता है।
ट्रांसपोर्टरों के कहना है कि धान के सीजन में जब फसल मंडियों में आ जाती थी तो 28 से 30 दिनों में उठा ली जाती थी लेकिन नए नियम और नया सिस्टम इतना टाइम कंज्यूमिंग है कि इससे इस बार दोगुना समय लगेगा। उन्होंने कहा कि इससे सिर्फ उनका ही घाटा नहीं है बल्कि किसानों को भी नुकसान होगा। जब तक फसल नहीं उठेगी तब किसान भी मंडी से नहीं जाएगा। बता दें कि करीब 64000 हजार ट्रक हार साल पंजाब भर की मंडियों में धान की फसल की मंडियों से लेकर गोदामों तक ढुलाई करता है। ट्रक यूनियनें टेंडर लेकर के मंडियों से धान ढुलाई का काम लेती हैं।