पंजाबः इस मामले में कांग्रेस के 4 नेता और 4 पुलिस अधिकारी विजिलेंस के रडार पर!

पंजाबः इस मामले में कांग्रेस के 4 नेता और 4 पुलिस अधिकारी विजिलेंस के रडार पर!

चंडीगढ़ः पंजाब में पर्ल्स ग्रुप घोटाला मामले में विजिलेंस ब्यूरो को बड़ी लीड मिली है। विजिलेंस ने पर्ल्स ग्रुप घोटाले में शामिल राजनेताओं और पुलिस अधिकारियों की भूमिका को उजागर किया है। सूत्रों के मुताबिक, पर्ल्स घोटाले की प्रारंभिक जांच के दौरान एक पूर्व मंत्री समेत कांग्रेस से जुड़े 4 नेताओं और जिनमें एक एक पूर्व मंत्री भी शामिल है और पंजाब पुलिस के सीनियर आईपीएस अधिकारी, एक सेवानिवृत्त आईपीएस, डीएसपी और 4 इंस्पेक्टर स्तर के अधिकारियों की संदिग्ध भूमिका सामने आ रही है।

सूत्रों के मुताबिक विजिलेंस ब्यूरो के अधिकारी अमेरिकी शहर फ्रांसिस्को के एक होटल में पूंजी निवेश की भी जांच कर रहे हैं। विजिलेंस ब्यूरो को इस मामले में एक वरिष्ठ अधिकारी द्वारा जमीन अधिग्रहण के सबूत मिले हैं और आने वाले दिनों में इस राजनेता के खिलाफ कार्रवाई की जा रही है। पंजाब विजिलेंस ने इनकी भूमिका की जांच शुरू कर दी है। जांच टीम द्वारा रिकॉर्ड जुटाने शुरू कर दिए गए हैं। पर्ल ग्रुप के जरिए अमेरिका में निवेश करने की बात भी सामने आई है।

गौरतलब है कि करोड़ों रुपए के इस कथित घोटाले में पर्ल ग्रुप के आरोपी एमडी एवं मालिक निर्मल सिंह भंगू को गिरफ्तार किया जा चुका है। सीबीआई द्वारा भी मामले की जांच की जा रही है। जबकि ईडी द्वारा पर्ल ग्रुप की करोड़ों रुपए की प्रॉपर्टी अटैच की गई है। सीएम पंजाब भगवंत मान भी स्पष्ट कर चुके हैं कि पर्ल ग्रुप कंपनी से लोगों से ठगी गई उनकी गाढ़ी कमाई वसूल कर लोगों को लौटाई जाएगी।

विजिलेंस सूत्रों का कहना है कि इस मामले में करोड़ों रुपये का लेनदेन हुआ है। विजिलेंस ब्यूरो द्वारा इस मामले की भी जांच की जा रही है कि पर्ल्स घोटाले से संबंधित एफआईआर विशेष रूप से फिरोजपुर जिले के जीरा पुलिस स्टेशन में ही क्यों दर्ज की गई थी। विजिलेंस अधिकारियों का कहना है कि जीरा में केस दर्ज करना अपने आप में ही शक बन रहा है। यह मामला कांग्रेस शासन के दौरान वर्ष 2020 में दर्ज किया गया था। मुख्यमंत्री भगवंत मान की हरी झंडी के बाद विजिलेंस ने 19 मई से मामले की जांच शुरू कर दी। इस मामले में देश पत्र भी कोर्ट में पेश किया जा चुका है। पर्ल्स घोटाला सामने आने के बाद पंजाब में बड़े पैमाने पर ग्रुप की संपत्ति खुर्द-बुर्द किया गया था।

विजिलेंस के मुताबिक, बिना राजनीतिक और प्रशासनिक संरक्षण के जमीनों का बैनामा नहीं किया जा सकता। इसके चलते राजनेताओं और पुलिस अधिकारियों की भूमिका की जांच की जा रही है। एक अनुमान के मुताबिक, पर्ल्स ग्रुप के पास करीब 40 हजार संपत्तियां हैं, जिनमें से 2239 पंजाब में हैं। ये तथ्य भी सामने आए हैं कि निवेशकों के आठ से दस हजार करोड़ रुपये डूब गए हैं।