कम रूपये से काम कर पाना गत्ता फैक्ट्री को कर्ज में डुबोने के समान - आदित्य सूद

कम रूपये से काम कर पाना गत्ता फैक्ट्री को कर्ज में डुबोने के समान - आदित्य सूद
अब तक की सबसे बडी दुदर्शा पर पहुंचे गत्ता उद्योगों के पास अब तालाबंदी ही विकल्प

रेट न बढ़े तो 10 दिन के भीतर बंद हो जाएंगे हिमाचल के गत्ता उद्योग- हेमराज चौधरी

बददी में राज्याध्यक्ष आदित्य सूद ने मीडीया के समक्ष उठाए कई मुद्दे

हमारे मामले में केंद्र व प्रदेश सरकार ने साधी है पूर्ण चुप्पी-अशोक राणा

 

सचिन बैंसल\बददी:राष्ट्रीय स्तर पर क्राफ्ट पेपर के दामों में हो रही आशातीत वृद्धि ने हिमाचल प्रदेश के गत्ता उद्योगों की कमर तोड कर रख दी है। आलम यह है कि न तो उनके वेंडर आगे से दाम बढ़ा रहे और न ही वो पुराने रेट पर माल दे पा रहे हैं। इसी कारण से गत्ता उद्योग तालाबंदी की कगार पर पहुंच चुके हैं। हैरानी की बात तो यह है कि इस मुददे पर न तो केंद्र सरकार व न ही राज्य सरकार उनकी मदद कर रही है।  हिमाचल प्रदेश गत्ता उद्योग संघ की एक आपात बैठक बीबीएनआईए सभागार में हुई।

जिसमें गत्ता उद्योग के कच्चे माल में हुई 25 फीसदी बढ़ोतरी पर गहरी चिन्ता व्यक्त की गई । हिमाचल प्रदेश कोरोगेटेड बाक्स मैन्युफैक्चरिंग एसोसिएशन के प्रदेश अध्यक्ष आदित्य सूद, महामंत्री विशाल गोयल व बीबीएन इकाई प्रधान हेमराज चौधरी ने बैठक के बाद प्रेस वार्ता में कहा कि क्राफट पेपर के रेट पिछले दो वर्षों में 25 प्रतिशत से ज्यादा बढ़ चुके हैं ।  परन्तु हमें उद्योगों से रेट बढक़र नहीं मिल रहे हैं जिस कारण से हमें गत्ता उद्योग चलाने मुश्किल हो गये हैं । इसी कारण से शुक्रवार की बैठक में निर्णय लिया गया कि अगर यही हाल रहा तो  आने वाले दिनों में हिमाचल के सभी गत्ता उद्योग हडताल पर चले जाएंगे।  हमसे पैकिंग संबधित गत्ता पेटी खरीदने वाले संबंधित उद्योगों को होने वाले नुकासान की जिम्मेवार केंद्र व प्रदेश सरकार है ।

गत्ता उद्योग संघ और पेपर मिल कार्डिनेट समिति के चेयरमैन रजत मित्तल ने कहा कि पेपर मिलों ने अवैध तौर पर गठजोड करके क्राफट पेपर के दामों में जो 25 फीसदी वृद्वि की है उससे हमारी लागत तो कई गुणा बढ़ गई लेकिन हमें गत्ते की पेटियों के दाम बढक़र नहीं मिल रहे हैं। वरिष्ठ सदस्य अजय चौधरी ने कहा कि यदि यही हाल रहा तो हिमाचल के 300 से अधिक गत्ता उद्योग बंद हो जाएंगे और हजारों परिवार अपनी रोजी रोटी के लिए तरस जाएंगे ।

इसलिए प्रदेश सरकार को क्रेन्द्र सरकार के साथ मिलकर पेपर मिलों के लिए एक विशष पालिसी तैयार करनी चाहिए जिससे पेपर मिल मालिकों की मनमर्जी पर लगाम लगाई जा सके ।  निर्मल सिंगला, अशोक राणा, हेमराज चौधरी ने कहा कि हिमाचल प्रदेश में 300 से ज्यादा गत्ता उद्योग हैं जिनमें 35000 टन से अधिक क्राफट पेपर का उपयोग हर महीने किया जाता है। तथा प्रदेश सरकार को 45 करोड से ज्यादा राजस्व इसी इंडस्ट्री से जाता है ।

लेकिन उत्तर भारत की पेपर मिलों की मनमर्जी से रेट बढौतरी करने के कारण हमें फैक्टरी बंद करने की नौबत आन पडी है । तथा 90 प्रतिशत लेबर खाली बैठी है । हमारी प्रदेश सरकार से यही मांग है कि हमारे द्वारा तैयार माल पर 25 प्रतिशत की बढौतरी हो जिससे सभी गत्ता उद्योग जिन्दा रह सकें । प्रैस वार्ता को हिमाचल प्रदेश के प्रदेश के अध्यक्ष आदित्य सूद, गगन कपूर, मुकेश जैन, विशाल गोयल महामंत्री,  उपाध्यक्ष हेमराज चौधरी, बीबीएन इकाई के महामंत्री अशोक राणा, निर्मल सिंगला,  राजीव गुलाटी, संजीव जैन कोषाध्यक्ष ने भी संबोधित किया।