WHO ने किया आगाह, चिकन खाने से हो सकती है मौत!

WHO ने किया आगाह, चिकन खाने से हो सकती है मौत!

नई दिल्ली: दुनिया में अब शाकाहारी भोजन करने वालों की संख्या तेजी से घटते जा रही है। भागदौड़ भरी इस दुनिया में लोग नॉनवेज और फास्टफूड की ओर ज्यादा आकर्षित हो रहे हैं। वैसे देखा जाए तो मटन के मुकाबले लोग चिकन खाना ज्यादा पंसद करते हैं। लेकिन चिकन खाने वालों के लिए WHO ने ऐसी चेतावनी जारी कर दी है, जिसे जानकर आपके होश उड़ जाएंगे। साथ ही World Health Organization ने लोगों को चिकन खाने से परहेज करने की बात कही है। दरअसल WHO ने AMR यानी एंटीमाइक्रोबियल रेजिस्‍टेंस (Antimicrobial Resistance) को 10 सबसे बड़े स्‍वास्‍थ्‍य खतरों में से एक बताया है। वहीं, हेल्थ एक्सपर्ट्स की मानें तो चिकन खाने से लोग सबसे ज्यादा ताजी से एएमआर के शिकार हो रहे हैं। चिकन प्रोटीन, विटामिन और मिनरल से भरपूर होता है, ऐसे में ये पौष्टिक खाना बीमारी का कारण क्यों और कैसे बन रहा है?

वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गनाइजेशन के मुताबिक, वैसे तो चिकन कई पोषक तत्वों से भरपूर होता है। हालांकि, इसके सेवन से आपके शरीर में एंटीबायोटिक, एंटीवायरल, एंटीफंगल, एंटीपैरासिटिक्स सहित कई दूसरी जीवन रक्षक दवाओं का असर कम हो सकता है। इससे शरीर में पल रहीं गंभीर बीमारियों का इलाज काफी मुश्किल हो जाता है। इसके अलावा डब्ल्यूएचओ ने पोल्‍ट्री फार्म में गलत तरीके से बन रहे चिकन को लेकर भी लोगों को आगह किया है।हेल्थ एक्सपर्ट्स के मुताबिक, आजकल पोल्‍ट्री फार्म में चिकन को अच्छा और सेहतमंद बनाने के लिए ज्यादा एंटीबायोटिक दवाएं दी जाती हैं, इससे उसकी बॉडी में अच्छी मात्रा में एंटीबायोटिक जमा हो जाती हैं। वहीं, इन दवाओं का सीधा असर चिकन खाने वाले पर पड़ता है।

एक्सपर्ट्स ने बताया कि जब आप एंटीबायोटिक से भरपूर इस चिकन को भोजन के रूप में खाते हैं, तो उसमें मौजूद तमाम एंटीबायोटिक आपके शरीर में ट्रांसफर हो जाती हैं। इससे समय के साथ बॉडी में एंटीबायोटिक को लेकर रेजिस्टेंस पैदा होने लगती है और बॉडी पर एंटीबायोटिक दवाएं काम करना बंद कर देती हैं। हेल्थ एक्सपर्ट्स की मानें तो चिकन खाने से आप सबसे ज्यादा तेजी से एएमआर के शिकार हो सकते हैं। चिकन के सेवन से आपकी बॉडी में आने वाले एंटीबायोटिक कुछ समय के बाद एंटीमाइक्रोबियल रेजिस्टेंस की स्थिति में आ जाते हैं। ऐसे में बॉडी कई तरह के इंफेक्शन का शिकार हो जाती है। इतना ही नहीं, हेल्थ एक्सपर्ट्स ने इस तरह के इंफेक्शन का इलाज भी बेहद मुश्किल बताया है।