MPs और MLAs के खिलाफ दर्ज मामलों की जांच में देरी पर हाईकोर्ट की सरकारों को फटकार

MPs और MLAs के खिलाफ दर्ज मामलों की जांच में देरी पर हाईकोर्ट की सरकारों को फटकार
MPs और MLAs के खिलाफ दर्ज मामलों की जांच में देरी पर हाईकोर्ट की सरकारों को फटकार

चंडीगढ़: पंजाब-हरियाणा के पूर्व और मौजूदा सांसदों-विधायकों के खिलाफ चल रहे मामलों में अभी जांच तक पूरी न होने पर हाईकोर्ट ने दोनों राज्य सरकारों (पंजाब और हरियाणा) को फटकार लगाते हुए कहा कि इन माननीयों के खिलाफ दर्ज मामलों की अलग ही तरह से जांच चल रही है और इसमें जांच एजैंसियों की निष्क्रियता साफ दिखाई दे रही है। हाईकोर्ट ने कहा कि 1998, 2013 और 2015 में दर्ज मामलों में भी अभी तक जांच पूरी नहीं हुई है जबकि तय कानून के तहत इन मामलों की जांच पूरी हो जानी चाहिए थी।

हाईकोर्ट इन मामलों की जल्द से जल्द जांच पूरी करने के आदेश दे चुका है। इन आदेशों के बाद भी अब जो स्टेटस रिपोर्ट दायर की गई है, वह संतोषजनक नहीं है। लिहाजा हाईकोर्ट ने अब सरकार को एक और अवसर देते हुए इन मामलों की कब तक जांच पूरी हो जाएगी उसकी जानकारी मामले की अगली सुनवाई पर दिए जाने के आदेश दे दिए हैं। पंजाब सरकार की तरफ से स्टेटस रिपोर्ट दायर कर बताया है कि पंजाब के पूर्व और मौजूदा सांसदों/विधायकों के खिलाफ 99 केसों में राज्य की अलग-अलग अदालतों में ट्रायल चल रहा है और 42 केसों में अभी जांच जारी है जिसे जल्द से जल्द पूरा किया जा रहा है। इन केसों की पूरी जानकारी हाईकोर्ट को दे दी गई है।

बता दें कि पिछली सुनवाई पर इन मामलों में पंजाब और हरियाणा दोनों राज्यों ने स्टेटस रिपोर्ट दायर नहीं की थी, तब हाईकोर्ट ने दोनों राज्यों को कड़ी फटकार लगाते हुए कहा चेतावनी दे दी थी कि अगर अगली सुनवाई तक भी मांगी गई जानकारी नहीं दी गई तो दोनों राज्यों पर भारी जुर्माना लगा दी जाएगा। इससे पहले पंजाबसरकार ने हाईकोर्ट को बताया था कि इस समय पंजाब में पूर्व और मौजूदा सांसदों/विधायकों के खिलाफ दर्ज 48 केसों की जांच अभी जारी है और 89 केस अलग-अलग अदालतों में चल रहे हैं, इस सूची में मौजूदा आम आदमी पार्टी के विधायकों के खिलाफ दर्ज मामले भी शामिल किए गए थे, जो अभी हाल ही में विधायक बने हैं इनके अलावा 89 ऐसे केसों की भी जानकारी दी गई थी।