70 साल बाद भारत में फिर सुनाई देगी चीतों की दहाड़

70 साल बाद भारत में फिर सुनाई देगी चीतों की दहाड़

पीएम नरेंद्र मोदी अपने जन्मदिन पर मध्य प्रदेश के प्रवास पर रहेंगे। प्रधानमंत्री अपने जन्मदिन पर अफ्रीका से आ रहे चीतों के दल को मध्य प्रदेश के श्योपुर जिले में स्थित कूनो राष्ट्रीय उद्यान में प्रवेश कराएंगे। 

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का जन्मदिन 17 सितंबर को पड़ता है और इस बार ये खास होने वाला है। ऐसा इसलिए क्योंकि देश में लुप्त हो चुके धरती पर सबसे तेज दौड़ने वाले वन्य प्राणी चीता भारत आने वाले हैं. पीएम नरेंद्र मोदी अपने जन्मदिन पर मध्य प्रदेश के प्रवास पर रहेंगे। प्रधानमंत्री अपने जन्मदिन पर अफ्रीका से आ रहे चीतों के दल को मध्य प्रदेश के श्योपुर जिले में स्थित कूनो राष्ट्रीय उद्यान में प्रवेश कराएंगे। 

चीता धरती का सबसे तेज दौड़ने वाला वन्य-प्राणी है और भारत में विलुप्त श्रेणी में आ चुका है. इतिहास इस बात का गवाह है कि भारत में चीतों का इतिहास हजारों वर्ष पुराना है. हमारे पूर्वजों द्वारा गांधीसागर अभयारण्य के चतुर्भुज नाला एवं रायसेन जिले के खरबई में मिले शैल चित्रों में चीतों के चित्र पाये गये है. माना जाता है कि मध्य भारत के कोरिया (वर्तमान में छत्तीसगढ़ में स्थित) के पूर्व महाराजा रामानुज प्रताप सिंहदेव द्वारा 1948 में भारत में अंतिम चीते का शिकार किया गया था। 

अंग्रेजी सरकार के अधिकारियों एवं भारत के राजाओं द्वारा किये गये अत्याधिक शिकार से 19वीं शताब्दी में इनकी संख्या में अत्यधिक 

तमाम औपचारिकताएं पूरी होने के बाद अफ्रीकी चीते के आने का रास्ता साफ हो चुका है. प्रधानमंत्री मोदी 17 सितंबर को चीतों को मध्य प्रदेश के कूनो राष्ट्रीय उद्यान में पुनर्स्थापित करेंगे. इसी के साथ प्रदेश के इतिहास में एक नया कीर्तिमान जुड़ जायेगा और 70 वर्षों के बाद चीता एक बार पुन: अपने रहवास में विचरण कर सकेंगे।  

बता दें कि दुनिया में केवल 7,000 चीते बचे हैं और उनमें से अधिकांश अफ्रीका में पाए जाते हैं. इंटरनेशनल नॉट-फॉर-प्रॉफिट ऑर्गेनाइजेशन चीता कंजर्वेशन फंड (CCF) का हेडक्वार्टर नामीबिया है और यह संस्था चीतों के संरक्षण के लिए प्रतिबद्ध है. नामीबिया के साथ भारत सरकार ने इसी साल 20 जुलाई को चीता रीइंट्रोडक्शन प्रोग्राम के तहत आठ चीते लाने का करार हु।