मशहूर मयूर ग्रुप के 35 ठिकानों पर 150 से अधिक IT अफसरों की Raid, देखें वीडियो

मशहूर मयूर ग्रुप के 35 ठिकानों पर 150 से अधिक IT अफसरों की Raid, देखें वीडियो

कानपुरः बड़ी वनस्पति तेल कंपनी मयूर ग्रुप पर आयकर विभाग ने बड़ी कार्रवाई की है। बताया जा रहा है कि आयकर विभाग ने वीरवार सुबह तड़के मयूर ग्रुप के 35 ठिकानों पर एक साथ कार्रवाई की। इस दौरान करीब 150 से अधिक आयकर अफसरों ने कानपुर के सिविल लाइन, शक्करपट्टी समेत 20 और मध्य प्रदेश के 15 प्रतिष्ठानों पर एक साथ कार्रवाई की। कानपुर स्थित आवास ,कार्पोरेट कार्यालय, फैक्टरी में कार्रवाई की गई। सुबह छह बजे से कार्रवाई जारी है। इसके बाद सभी परिसर सील कर दिए गए हैं। सोर्स के मुताबिक, करीब 1 हजार करोड़ की टैक्स चोरी का मामला बताया जा रहा है।

सिविल लाइन स्थित मयूर ग्रुप की कोठी 5 मंजिला बेहद आलीशान बनाई गई है। सूत्रों के मुताबिक यहां 2 दर्जन से अधिक आयकर अधिकारियों की टीमें मौजूद हैं। आयकर अधिकारियों ने तब छापेमारी की है, जब कंपनी के दोनों डायरेक्टर इसी आलीशान कोठी में मौजूद हैं। बता दें कि मयूर ग्रुप वनस्पति तेल, फूड आइटम्स और पैकेजिंग का काम करते हैं।

कानपुर देहात के रनियां क्षेत्र में मयूर ग्रुप की सबसे बड़ी फैक्ट्री है। मयूर ग्रुप ने फैक्ट्री के आसपास भी 1000 एकड़ से ज्यादा जमीनों की खरीद फरोख्त की है। वहीं आयकर सूत्रों के मुताबिक कंपनी में बड़े पैमाने पर आयकर चोरी की जा रही थी। करीब 1 हजार करोड़ रुपए से ज्यादा का आयकर चोरी की बात फिलहाल सामने आ रही है। हालांकि अधिकारियों ने दस्तावेजों को खंगालना शुरू कर दिया हैं। रनियां स्थित फैक्ट्री में भी आयकर की टीम मौजूद है।

बता दें कि कानपुर में मयूर वनस्पति के ठिकानों 30 दिसंबर 2021 को भी DGGI लखनऊ के छापे में आईटीसी (इनपुट टैक्स क्रेडिट) में बड़ी गड़बड़ी पकड़ी गई थी। चार साल पुराने इस मामले में कंपनी के मालिक सुनील गुप्ता और सुरेश गुप्ता भी फंसे थे। वर्ष 2019 में डीआरआई ने (राजस्व खुफिया निदेशालय) ने मयूर वनस्पति पर छापा मारकर कंपनी के एक निदेशक को गिरफ्तार भी किया था।

गौरतलब है कि 25 फरवरी 2019 को डीआरआई (राजस्व खुफिया निदेशालय) कोलकाता और लखनऊ की टीमों ने मयूर वनस्पति के निर्माता सुनील गुप्ता और सुरेश गुप्ता के सिविल लाइंस स्थित आवास पर संयुक्त रूप से छापा मारा था। इसमें पता चला था कि कारोबारी बांग्लादेश के रास्ते थाईलैंड से कच्चा माल (वनस्पति ऑयल) मंगाते थे। थाईलैंड से सीधे आयात पर टैक्स अधिक है, इसलिए इस रास्ते का इस्तेमाल किया जा रहा था। मामले में कंपनी के एक संचालक को गिरफ्तार भी किया गया था।