पंजाबः भ्रूण लिंग जांच मामले में स्वास्थ्य विभाग की रेड, पति-पत्नी समेत दलाल गिरफ्तार

पंजाबः भ्रूण लिंग जांच मामले में स्वास्थ्य विभाग की रेड, पति-पत्नी समेत दलाल गिरफ्तार

बठिंडाः स्वास्थ्य विभाग की टीम ने रॉयल एन्क्लेव कॉलोनी में चल रहे भ्रूण लिंग परीक्षण केंद्र का भंडाफोड़ किया है। लुधियाना से स्वास्थ्य विभाग की टीम ने बठिंडा स्वास्थ्य विभाग की टीम के साथ मिलकर इस क्लीनिक पर छापा मारा। जहां विभाग की टीम ने आरएमपी गुरमेल सिंह, उसकी पत्नी  बिंदर कौर और राजिंदर सिंह नामक दलाल को काबू किया है। टीम ने घर में बने भूमिगत कमरे में तीन घंटे की तलाशी के दौरान 30 लाख रुपये की नकदी, गर्भपात की दवाएं, चिकित्सा उपकरण और बच्चा गोद लेने वाले हलफनामे आदि बरामद किए है। पुलिस ने आरोपी गुरमेल सिंह, उसकी पत्नी बिंदर कौर और दलाल राजिंदर सिंह को गिरफ्तार कर कैंट थाने में मामला दर्ज कर लिया है।

अब तक की जांच में यह बात सामने आई है कि अवैध रूप से चलाए जा रहे इस केंद्र से लाखों की नकदी और अन्य दस्तावेज मिले हैं, जिससे पता चलता है कि यहां बड़े पैमाने पर लिंग परीक्षण केंद्र चलाया जा रहा था। इसके साथ ही नाजायज बच्चों को गोद लेने का भी सिलसिला चल रहा था। पुलिस अधिकारियों का कहना है कि मामले की जांच की जा रही है। इस मामले में और भी खुलासे होने की संभावना है। जिला परिवार कल्याण अधिकारी, स्वास्थ्य विभाग, लुधियाना डॉ. हरप्रीत सिंह ने कहा कि उन्हें जानकारी मिली थी कि लुधियाना के कुछ मरीज भुच्चो मंडी में लिंग परीक्षण करवाते हैं। टीम गर्भवती महिला को लेकर रावल एन्क्लेव पहुंची।

वहां एक कमरे में गर्भवती महिला के बच्चे का लिंग टेस्ट करवाने का सौदा हुआ और सेंटर संचालक दंपति को 50 हजार रुपये दिए गए। महिला को वार्ड के अंदर एक कमरे में ले जाया गया और फिर स्वास्थ्य विभाग की टीम ने मेडिकल टर्मिनेशन पर छापा मारा। गर्भावस्था किटे और विभिन्न उपकरण बरामद किए गए। टीम ने केंद्र से 30 लाख रुपए की नगदी के अलावा सुबह दिए गए 50 हजार रुपये, गर्भपात कराने वाली महिलाओं के आधार कार्ड और शपथ पत्र भी बरामद किए। जिस घर में छापेमारी की गई है उस घर के बाहर क्लीनिक का बोर्ड लगाया गया है। अपने आप को आरएमपी बताने वाला गुरमेल सिंह काफी समय से भूमिगत कमरों में लिंग निर्धारण से लेकर गर्भपात और नवजात शिशुओं को गोद लेने तक के गैर कानूनी काम कर रहा था। पता चला है कि ये लोग बच्चे के जन्म से पहले किसी गरीब परिवार की महिला का गर्भ चेक करते थे और उसके लड़का होने का पता चलने पर परिवार से सौदा कर लेते थे। जिसके बाद बच्चे को गोद ले लेते थे।