बाहरी राज्यों की बसों पर टैक्स बढ़ाने पर संचालकों ने जताया रोष

बाहरी राज्यों की बसों पर टैक्स बढ़ाने पर संचालकों ने जताया रोष
टैक्स कम न किया तो रोक देंगे बसे
6 सितंबर को खड़ी कर दी जाएंगे बसें
बददी/सच्ची बैंसल। बीबीएन पेसेंजर को-अपरेटिव सोसायटी ने सरकार की ओर से  बाहरी राज्यो की निजी बसों पर टैक्स  लगाने का विरोध जताया है। अभी तक हिमाचल सरकार की ओर से कोई पालिसी न  होने से बाहरी राज्य की बसें बिना टैक्स के ही आ रही थी।
सोसायटी के प्रधान जितेंद्र ठाकुर ने कहा कि बीबीएन में दो सौ अधिक बसें कामगारों को लाने व छोड़ने का कार्य करती है। यह बसें पंचकूला, पिंजौर, कालका व चंडीगढ़ से कामगारो को लेकर बीबीएन में आती है। अभी तक इन बसों पर बहुत कम टैक्स था, लेकिन अब सरकार ने सीधा  60 हजार रुपये मासिक कर दिया है। इतना टैक्स देने में निजी बस आपरेटर सक्षम नहीं है। अगर सरकार ने टैक्स माफ नहीं किया तो 6 सितंबर को सभी बसें पुल पार खड़ी हो जाएगी। कंपनियों में कामगार नहीं पहुंचेगे। इसके बारे  में उन्होंने बीबीएनाईए को अवगत करा दिया गया है। उन्होंने सरकार से मांग की है कि सरकार अगर टैक्स लगाना चाहती है तो पड़ोसी राज्य हरियणा व  चंडीगढ़ की तर्ज पर टैक्स लागये। लेकिन सरकार का एक दम से 60000 टैक्स लगाना सरासर बस ऑपरेटरों के साथ अन्याय है। इस मौके पर बग्गा सिंह, राकेश राणा, पवन सिंह, बलविद्र सिंह, बरजिंद्र, नरेश चौहान, लक्की, जितेंद्र राणा, संजीव कुमार, ओमप्रकाश, निर्मल, बलजीत, चरण सिंह, रघुबीर सिंह, देशराज, अवतार, जोगिंद्र सिंह, प्रेम चंद, सोनी, तरसेम लाल, ज्ञानेंद्र, मुख्तयार सिंह, सुरेंद्र, और अमर खठाना आदि उपिस्थत रहे।