जीवन मोदगिल ने कायम की मिसाल, स्कूल परिसर को हरा भरा कर चार चांद लगा दिए

जीवन मोदगिल ने कायम की मिसाल, स्कूल परिसर को हरा भरा कर चार चांद लगा दिए

ऊना/ सुशील पंडित : जिला ऊना उपमंडल बंगाणा क्षेत्र के राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय तलमेहड़ा में प्रवक्ता अर्थशास्त्र के पद पर कार्यरत जीवन मोदगिल पिछले कई वर्षों से पर्यावरण संरक्षण के प्रति विशेष रुचि दिखा रहे हैं। तलमेहड़ा स्कूल में पथरीली जमीन होने के बावजूद उन्होंने बच्चों के साथ मिलकर सन 2010 में सांगवान, हरड़, बेहड़ा, तुनी और पीपल प्रजाति के विभिन्न प्रकार के पौधे लगाए थे जो आज बड़े वृक्ष बनकर विद्यालय की शोभा बढ़ा रहे हैं।

इसके अलावा उन्होंने विद्यालय में आम और अमरूद जैसे फलदार पौधे भी लगाए जो अब फल दे रहे हैं। इससे पहले पथरीली जमीन होने के कारण विद्यालय में कोई भी पेड़ नहीं था लेकिन उनके भरसक प्रयत्नों से विद्यालय में विभिन्न प्रकार के पेड़ों का होना यह सन्देश दे रहा है कि अगर व्यक्ति चाहे तो कुछ भी असंभव नहीं है। निरन्तर खुद के कठिन प्रयासों से वृक्षारोपण करके पेड़ों को जीवित रखने और वन संरक्षण की ऐसी स्नेह उनके ह्रदय में जगी कि उनके निस्वार्थ प्रयास व प्रकृति पर्यावरण जागरूकता को देखते हुए स्थानीय पंचायत प्रतिनिधियों और गांववासियों द्वारा उनकी सराहना की जाती है। विद्यालय के प्रधानाचार्य सुभाष कौशल ने बताया कि जीवन मोदगिल पिछले 14 वर्षों से राष्ट्रीय सेवा योजना के प्रभारी हैं और इस योजना के माध्यम से समाज सेवा के प्रति वो उल्लेखनीय कार्य कर रहे हैं। पौधारोपण के अलावा वह स्वयंसेवी छात्र छात्राओं के साथ मिलकर विभिन्न गांवों में जाकर प्राकृतिक स्त्रोतों की सफाई, क्षेत्र में स्वच्छता अभियान और विभिन्न रैलियों के माध्यम से जागरूकता कार्यक्रमों का निरन्तर आयोजन करते हैं। 

स्कूल प्रबन्धन समिति के अध्यक्ष विनोद शर्मा का कहना है कि जीवन मोदगिल द्वारा विद्यालय के अलावा गांव भलखूं,रौणखर और बही में भी अपनी टीम के साथ और वन विभाग के सौजन्य से न केवल पौधारोपण में विशेष रुचि दिखाई है बल्कि निस्वार्थता से समाज सेवा का भाव उनकी रग रग में समाया हुआ है। जीवन मोदगिल ने बताया कि सन 2010 में उन्होंने बच्चों के साथ मिलकर विद्यालय में विभिन्न प्रकार के लगभग 40 पौधे लगाए। उसके बाद पांच छः वर्ष तक वह स्वयं प्रतिदिन सुबह शाम इन पौधों को पानी लगाते रहे। इसके अलावा लगातार पौधों की निराई और उनके भोजन के लिए जैविक खाद का प्रयोग करते रहे। पेड़ों को कोहरे से बचाने के लिए भी प्रयत्न किए।

आज उन्हें इस बात की प्रसन्नता है कि उनकी मेहनत का फल तो उन्हें मिला ही साथ में बच्चों को भी पौधारोपण और पर्यावरण संरक्षण के प्रति प्रेरित करने का अवसर मिला। उन्होंने बताया कि भावी पीढ़ियों के लिए पर्यावरण संरक्षण बहुत जरुरी है। लेकिन उन्होंने गर्मियों के मौसम में हर वर्ष जंगलों में लगने वाली आग से प्राकृतिक सम्पदा को होने वाले नुक्सान के प्रति अपनी चिन्ता जाहिर की। स्थानीय पंचायत के प्रधान राकेश धीमान, उप प्रधान अशोक कुमार मोनू, विद्यालय के पूर्व प्रधानाचार्य प्रेम सिंह वर्मा, पूर्व में स्कूल प्रबन्धन समिति के अध्यक्ष शिवम कुमार और राकेश कुमार ने उनकी सराहना करते हुए कहा कि जीवन मोदगिल युवा वर्ग के लिए प्रेरणा के स्त्रोत हैं । पर्यावरण संरक्षण और सामाजिक गतिविधियों में उनके बहुमुल्य योगदान के लिए सभी ने उनकी सराहना की।