अमूल और मदर डेयरी कंपनियों पर कोर्ट ने लगाया लाखों रुपए का जुर्माना, जाने मामला

अमूल और मदर डेयरी कंपनियों पर कोर्ट ने लगाया लाखों रुपए का जुर्माना, जाने मामला

नई दिल्लीः अमूल और मदर डेयरी जैसी नामचीन कंपनियों के दूध में भी फैट मानकों के अनुसार नहीं पाया गया। खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन विभाग की टीम ने इन कंपनियों के दूध, क्रीम समेत सिंभावली शुगर मिल की चीनी व अन्य कंपनियों के उत्पाद की जांच कराई तो अधोमानक पाए गए। एडीएम सिटी की कोर्ट में सुनवाई के बाद अमूल, मदर डेयरी, सिंभावली शुगर मिल, पिज्जा हट समेत 31 प्रतिष्ठानों पर 33.95 लाख का जुर्माना लगाया गया है। कंपनियों को जुर्माने की यह रकम एक माह में जमा करानी होगी। 

खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन के सहायक आयुक्त  विनीत कुमार ने बताया कि अमूल रियल मिल्क, अमूल फ्रेश क्रीम, टोंड मिल्क, अमूल गोल्ड फुल क्रीम मिल्क, मदर डेयरी से खुले दूध, फुल क्रीम व टोंड दूध, वसुंधरा से सिंभावली शुगर मिल की चीनी, साहिबाबाद औद्योगिक क्षेत्र से मंगला ब्रांड का तिल का तेल, क्रॉसिंग रिपब्लिक स्थित पिज्जा हट से स्मोक्ड टाइप लहसुन व काली मिर्च, बालाजी फ्लोर मिल से गेहूं का आटा, कलछीना भोजपुर से मावा, वैशाली के कैप्टन रेस्टोबार से काजू का टुकड़ों का सैंपल लिया गया था। इसके अलावा बेहटा हाजीपुर में बिना लाइसेंस के मांस बेच रहे कमाल मीट शॉप संचालक पर भी कार्रवाई की गई थी। जांच में सैंपल अधोमानक पाए जाने पर प्रकरण एडीएम सिटी बिपिन कुमार की कोर्ट में भेज दिए गए थे। कोर्ट में सुनवाई के बाद इन पर जुर्माना लगाया गया है।

सहायक आयुक्त ने बताया कि अमूल पर 8.24 लाख और मदर डेयरी पर 7.10 लाख रुपये का जुर्माना लगाया गया है। इसके अलावा सिंभावल शुगर मिल पर 3.70 लाख रुपये, पिज्जा हट पर 2.30 लाख रुपये, तिल का तेल बेचने वाले मंगला ब्रांड पर 2.50 लाख और बिना लाइसेंस मांस बेचने वाले दुकानदार कमाल पर 25 हजार रुपये जुर्माना लगाया गया है। उन्होंने बताया इन सभी संस्थानों को एक माह में जुर्माने की रकम जमा करानी होगी, अन्यथा इनकी आरसी (वसूली प्रमाण पत्र) जारी कराया जाएगा। सहायक खाद्य आयुक्त विनीत कुमार ने बताया कि अप्रैल 2022 से जनवरी 2023 तक खाद्य पदार्थों के कुल 678 नमूने लिए गए। इनमें 127 नमूने दूध के लिए गए हैं। उन्होंने बताया कि दूध, आटे, क्रीम के अलावा अन्य खाद्य पदार्थों व मसालों के नमूने भी अधोमानक पाए गए हैं। वर्तमान वित्तीय वर्ष में जनवरी माह तक कुल 339 वाद कोर्ट में दायर किए गए, इनमें से 330 में निर्णय आ चुका है। नौ अन्य मामले विचाराधीन हैं। अब तक 2.32 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया जा चुका है।