जालंधरः देश भर में लागू हुए CAA कानून को लेकर पूर्व मंत्री मनोरंजन कालिया का आया बयान, देखें वीडियो

जालंधरः देश भर में लागू हुए CAA कानून को लेकर पूर्व मंत्री मनोरंजन कालिया का आया बयान, देखें वीडियो

जालंधर, ENS: देश में 'नागरिकता संशोधन अधिनियम' (सीएए) के नियम लागू हो गया हैं। केंद्र सरकार ने सोमवार शाम को नागरिकता संशोधन अधिनियम को लेकर अधिसूचना जारी कर दी है। इसके लिए पोर्टल भी तैयार कर लिया गया है, जिसके जरिए गैर मुस्लिम प्रवासी समुदाय के लोग नागरिकता पाने के लिए आवेदन कर सकेंगे। केंद्रीय गृह मंत्रालय द्वारा इसके लिए पूरी तैयारी कर ली है। वहीं इस मामले को लेकर पूर्व मंत्री व भाजपा नेता मनोरजंन कालिया का बयान सामने आया है। पाकिस्तान के मुस्लिम लोगों पर CAA कानून लागू ना किए जाने को लेकर कहा कि पाकिस्तान जब बना था, तब टू नेशन थ्यूरी पर था। उन्होंने कहा कि वहां पर कोई प्रताड़ित मुस्लमान नहीं होता।

कालिया ने कहा कि जो मुस्लिम प्रताड़ित हुए है उसी के चलते अब बंगलादेश बन गया है। उन्होंने कहा कि अब सवाल यह है कि वहां पर जो हिंदू लोग थे, जिनमें सिख, जैन, बौधिक आदि धर्म के शामिल है। उनके बुजुर्गों ने सोचा कि बंगलादेश भी अपना देश ही है। ऐसे में वह यही पर रहेंगे। कालिया ने कहा कि वहां पर उन्हें दूसरे या तीसरे दर्ज का सिटिजन पर शामिल किया जाता था। वहां पर जबरदस्ती बहू बेटियों को ले जाकर निकाह किया गया है। कालिया ने कहा कि यह अत्याचार हिंदुओं पर होता था ना कि मुस्लमानों पर होता था। इस दौरान उन्होंने कहा कि ऐसेे में इन सभी प्रताड़ित हो रहे लोगों के लिए CAA कानून लागू किया है। कालिया ने कहा कि अगर वहां पर कोई मुस्लिम प्रताड़ित होता है और वह यहां आना चाहता है तो वह रेगुलर अप्लाई करें।

ऐसे में केंद्र सरकार जांच में उसे साइलम खुद देगी। उन्होंने कहा कि इसी तरह एक महिला को साइलम दिया भी जा चुका है। कालिया ने कहा कि 1947 में जो लोग रहे थें। उस दौरान काफी लोग वहां पर ही फंस गए थे। ऐसे में केंद्र का कहना है कि इस कानून के तहत जो लोग भारत आना चाहते है वह भारत आ सकते है। कालिया ने कहा कि उस दौरान 10 लाख से अधिक लोगों मारे गए थे। हालांकि उस समय कुछ लोग भारत आ गए थे, लेकिन कुछ हिंदू धर्म के लोग वहां पर रह गए थे। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान का लाहौर हिंदू मिजोरिटी एरिया था, जबकि दिल्ली मुस्लिम मिजोरिटी एरिया था। उस दौरान नेशन थ्यूरी के मुताबिक भारत और पाकिस्तान अलग देश बन गए। जिसमें भारत आने की हिंदू धर्म के लोगों यह ऑप्शन दी गई थी, लेकिन उस समय कुछ हिंदू वहीं रह गए थे, जिन्हें अब इस नियम के तहत दोबारा न्यौता दिया गया है।