बवाल के बीच एयरपोर्ट पर 44 उड़ानें रद्द, टिकट बुक कराकर हंगामा करने पहुंचे प्रदर्शनकारी 

बवाल के बीच एयरपोर्ट पर 44 उड़ानें रद्द, टिकट बुक कराकर हंगामा करने पहुंचे प्रदर्शनकारी 

नई दिल्लीः कर्नाटक और तमिलनाडु के बीच कावेरी नदी के पानी को लेकर विवाद फिर बढ़ गया है। कावेरी जल विवाद को लेकर कर्नाटक में बंद बुलाया गया है। इसी बीच शुक्रवार को बेंगलुरु एयरपोर्ट पर जमकर हंगामा हुआ। यहां 5 प्रो कन्नड़ कार्यकर्ता टिकट बुक कर एयरपोर्ट में घुस गए और कन्नड़ झंडा निकालकर नारेबाजी करने लगे। इसी बीच बेंगलुरु एयरपोर्ट पर आने-जाने वाली 44 फ्लाइट्स को भी रद्द कर दिया गया है।

दरअसल, कर्नाटक और तमिलनाडु के बीच कावेरी नदी के पानी को लेकर दशकों से विवाद बना हुआ है। इस बीच कर्नाटक की राजधानी बेंगलुरु में किसानों और दूसरे कई संगठनों ने मिलकर बंद का ऐलान किया है। हिंसा और बवाल की आशंका के चलते शहर के चप्पे-चप्पे पर भारी पुलिस बल तैनात किया गया है। स्कूल बंद रखने के आदेश जारी किए गए हैं। कावेरी के मुद्दे पर शुक्रवार को कर्नाटक सेना के 5 कार्यकर्ताओं ने फ्लाइट टिकट बुक किए। ये लोग फ्लाइट के अंदर प्रदर्शन करने की योजना बना रहे थे।

कर्नाटक सेना के इन कार्यकर्ताओं ने जैसे ही एयरपोर्ट परिसर में कन्नड़ झंडा लहराकर विरोध प्रदर्शन किया,  CISF ने इन्हें हिरासत में ले लिया। इसके बाद इन्हें एयरपोर्ट पुलिस को सौंप दिया गया। बेंगलुरु के केम्पेगौड़ा इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर 44 उड़ानों को रद्द कर दिया गया है। इनमें से 22 को यहां से उड़ान भरना था, जबकि 22 लैंड करनी थीं। एयरपोर्ट अधिकारियों का कहना है कि ऑपरेशनल वजह से ये रद्द की गई हैं और इनकी सूचना यात्रियों को दे दी गई है। हालांकि, सूत्रों का कहना है कि कावेरी विवाद के चलते ये फ्लाइट रद्द हुई हैं, क्योंकि तमाम यात्रियों ने अपने टिकट कैंसल कर दिए थे।

कावेरी नदी के जल बंटवारे को लेकर तमिलनाडु और कर्नाटक के बीच काफी पुराना गतिरोध है। हालिया विवाद तब शुरू हुआ, जब कावेरी जल प्रबंधन प्राधिकरण (CWMA) के आदेश के खिलाफ कर्नाटक सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की, लेकिन सर्वोच्च अदालत ने उस याचिका को खारिज कर दिया। CWMA के आदेश में कर्नाटक को 13 सितंबर से 15 दिनों तक तमिलनाडु में 5 हजार क्यूसेक पानी छोड़ने के लिए कहा गया था। कर्नाटक सरकार का कहना है कि वह पानी छोड़ने की स्थिति में नहीं है, क्योंकि उनके राज्य में भी पीने के पानी और सिंचाई के लिए इसकी जरूरत है।